कोलकाता, 13 मार्च 2021
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने आज कहा कि 1999 में कंधार में इंडियन एयरलाइंस के विमान के अपहरण (Kandahar Hijacking) के बाद से चल रहे तनाव के बीच, ममता बनर्जी (Mamata Banerjee), जो तब केंद्रीय कैबिनेट मंत्री थीं, ने खुद को बंधकों को रिहा करने के बदले खुद को बंधक के रूप में रखने की पेशकश की थी. एक सहयोगी के रूप में उनके साथ अपने पुराने दिनों को याद करते हुए, बीजेपी के पूर्व वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि तृणमूल प्रमुख शुरू से ही ‘लड़ाका’ रही हैं. सिन्हा ने आज ही तृणमूल कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की है. उन्होंने 2018 में शीर्ष नेतृत्व से मतभेद के बाद बीजेपी छोड़ दी थी.
उन्होंने आज कहा, “मैंने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उनके (ममता बनर्जी) के साथ काम किया है. मैं आपको बता सकता हूं कि वह शुरू से ही एक फाइटर रही हैं और अभी भी फाइटर हैं.”
उन्होंने कहा, “मैं आज आपको बताना चाहता हूं कि जब इंडियन एयरलाइंस के विमान को कंधार में अपहरण कर रखा गया था, तब कैबिनेट में भारतीयों को बदले में छोड़ने की शर्त पर चर्चा हुई थी. तब ममताजी ने खुद को बंधक बनाने की पेशकश की थी, ताकि भारतीयों को छोड़ा जा सके. देशवासियों के लिए वह बलिदान देने को तैयार थीं.”
तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, डेरेक-ओ ब्रायन और सुब्रत मुखर्जी की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में शामिल होने से पहले यशवंत सिन्हा ने आज कोलकाता के कालीघाट स्थित घर जाकर ममता बनर्जी से मुलाकात की.