कोलकाता, 2 जुलाई 2021
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के साथ ममता बनर्जी के साथ चल रही लड़ाई में अब नया ट्विस्ट आ गया है। तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता में नकली टीकाकरण घोटाले को लेकर राज्यपाल पर बड़ा आरोप लगाया है। गुरुवार को तृणमूल के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने आज कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन में दो फोटो शेयर की हैं।
जिसमें एक कोलकाता वैक्सीन जालसाज देबंजन देब और उनके पीछे खड़े उनके अंगरक्षक का था। अंगरक्षक अमिय वैद्य ने कहा है कि वह सीमा सुरक्षा बल या बीएसएफ में जवान हुआ करता था। देबंजन देब को 23 जून को दक्षिण कोलकाता के कस्बा में लगाए गए नकली वैक्सीन शिविर का भंडाफोड़ करने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
ये फोटो की शेयर
दूसरी तस्वीर में, एक बहुत ही अलग हैंडलबार मूंछों के साथ जालसाज का अंगरक्षक एक तस्वीर में खड़ा दिखाई दे रहा है, जो कोलकाता के राजभवन वाले के जैसा लग रहा है। फोटो के पहले हिस्से में जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी दो अन्य महिलाओं के साथ हैं, जो स्पष्ट रूप से राज्यपाल के आवास पर अतिथि हैं इस फोटो में पीछे गार्ड, दोनों अतिथि महिलाओं के पीछे खड़ा है।
सुखेंदु शेखर रॉय ने प्रेस कांन्फ्रेंस में कहा कि राज्यपाल और धोखेबाज के अंगरक्षक के बीच संबंध की जांच होनी चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा, “जब तस्वीरें हमारे पास पहुंचीं तो हम दंग रह गए।” “देबंजन देब स्पष्ट रूप से इतने प्रभावशाली हैं कि उनके सुरक्षा गार्ड भी राज्यपाल के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं?” उन्होंने कहा “यह वास्तव में एक बहुत ही गंभीर मामला है और यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए, हम मामले को देखने के लिए विशेष जांच दल के रूप में जाएंगे और सभी विवरण साझा करेंगे ताकि एक उचित जांच हो और सभी रैकेटर्स को बुक किया जा सके।
बता दें 23 जून को तृणमूल सांसद मिमी चक्रवर्ती ने फर्जी आईएएस अधिकारी द्वारा कस्बे में एक फर्जी कोरोना टीकाकरण शिविर में फर्जी कोविड वैक्सीन देने का खुलासा किया था। इसके बाद से तृणमूल के कई नेताओं के एक ही फ्रेम में फर्जी आईएएस अफसर की तस्वीरें सामने आई हैं। उन सभी ने आदमी के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया है। जालसाज के साथ फोटो खिंचवाने वाले नेताओं में कोलकाता के निवर्तमान मेयर फिरहाद हकीम, तृणमूल के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन और विधायक देबाशीष कुमार शामिल हैं।
भाजपा के दिलीप घोष ने कहा है कि राजभवन को वैक्सीन धोखाधड़ी से जोड़ने के तृणमूल के प्रयासों को खारिज कर दिया है। घोष ने कहा, “टीएमसी को यह महसूस करना चाहिए कि वे हर दिन इस तरह झूठ नहीं बोल सकते हैं और खुद को बचा सकते हैं। बिल्ली बैग से बाहर है। ये धोखेबाजों के तृणमूल के साथ संबंधों से ध्यान हटाने के लिए सिर्फ भटकाव की रणनीति है।”
माकपा के पूर्व विधायक सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि तृणमूल हर दिन मीडिया के सामने इस तरह के मुद्दे उठाने के बजाय राज्यपाल की नियुक्ति करने वाले राष्ट्रपति से शिकायत क्यों नहीं करती। सिर्फ वैक्सीन धोखाधड़ी ही नहीं, तृणमूल ने यह भी दावा किया है कि 1996 के जैन हवाला मामले में केंद्र में राज्य मंत्री के रूप में जगदीप धनखड़ का नाम लिया गया था। धनखड़ ने दावे का खंडन किया है और इसे “गलत सूचना और असत्य” बताया है।