कोलकाता, 13 फरवरी 2021
पश्चिम बंगाल में इसी साल मई महीने के आसपास विधानसभा चुनाव होना है। यहां अभी से राजनीतिक पारा हाई है। नेताओं में जुबानी जंग चरम पर है। चुनाव में सीधा मुकाबला टीएमसी और बीजेपी के बीच है। इस बीच इंडिया टूडे कोलकाता में अपने डिबेट कार्यक्रम इंडिया टूडे कॉन्क्लेव 2021 कर रहा है। शुक्रवार को इस डिबेट कार्यक्रम में दिलीप घोष के अलावा टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार, सीपीएम नेता फुहाद हलीम और कांग्रेस नेता पवन खेरा शामिल हुए। इस दौरान दिलीप घोष ने कहा कि राजा राम की तुलना दुर्गा से नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि राम राजा थे और राम के 14 पूर्वजों का हमें पता है, लेकिन दुर्गा के पूर्वजों का कोई अता पता नहीं है। दिलीप घोष ने जैसे ही यह बयान दिया काकोली घोष दस्तीदार ने पलटवार करते हुए इसे देवी दुर्गा का अपमान बताया। दिलीप घोष के इस बयान को लेकर अब बवाल मच गया है। टीएमसी ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया है और टीएमसी नेताओं की तरफ से लगातार इस मुद्दे को तूल दिया जा रहा है, ट्वीट किया जा रहा हैं। पश्चिम बंगाल में जगह-जगह बीजेपी के विरोध में प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं।
आसनसोल के कुलटी में टीएमसी की ओर दिलीप घोष का पुतला जलाया गया है। आपको बता दें कि बंगाल में बीजेपी ने राम के नाम को राजनीतिक नारा बनाया है तब इसकी काट के लिए टीएमसी की ओर से दुर्गा के नाम को सामने लाया गया है। खुद ममता बनर्जी और टीएमसी के कई आला नेताओं ने कई बार कहा है कि जय श्रीराम बंगाल की संस्कृति नहीं है। बंगाल में दुर्गा की संस्कृति का चलन है। काकोली घोष दस्तिदार ने कहा कि बीजेपी देश के धार्मिक इतिहास को फिर से लाने की कोशिश कर रही है जो वास्तव में शर्मनाक है।