मुंबई, 11 फरवरी 2021

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य के दौरे के कुछ दिनों बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को एक पत्र लिखा है। शिव सैनिकों को लिखे अपने पत्र में, सीएम ठाकरे ने कथित तौर पर लिखा है कि गुजराती गृह मंत्री ने अपनी हालिया यात्रा के दौरान शिवसेना को खत्म करने की हिम्मत की थी। उद्धव ठाकरे ने राज्य के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फड़नवीस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्रीयन अज्ञानी थे।

बता दें शिवसेना ने अपने मुख पृष्‍ठ सामना में ये बात शिवसेना ने लिखी। गृह मंत्री अमित शाह एक निजी मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन के लिए रविवार को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले गए थे उसके बाद उद्धव ठाकरे शिवसेना में तीखा हमला किया। शिवसेना ने शिवसैनिकों को लिखी भावानात्‍मक चिट्ठी में कहा कि गुजराजी मंत्री ने अपने हालिया दौरे में शिवसेना को खत्‍म करने की हिम्‍मत की है। सामना में शिवसेना ने लिखा भाजपा नेता महाराष्‍ट्र में सत्‍ता हाथ से जाने की विफलता को लेकर कुंठा में है इसलिए ऐसे बयान दे रही है।

खबरों के मुताबिक, भाजपा नेता ने शिवसेना पर राज्य में सरकार बनाने के लिए अपने संस्थापक बाल ठाकरे के सिद्धांतों को उखाड़ने का आरोप लगाया था। शाह ने कहा कि उद्धव ठाकरे और शिवसेना ने महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ अपवित्र गठबंधन बताया था। शाह ने कहा था कि जनादेश देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्‍व वाली भाजपा- शिवसेना गठबंधन की सरकार के लिए था। लेकिन शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी से मिलकर अपवित्र गठबंधन बनाकर बालासाहेब के सभी सिद्धांतों को बदल दिया है। गठबंधन को “अपवित्र” करार देते हुए शाह ने कहा था कि महाराष्ट्र की जनता ने फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को जनादेश दिया था। शाह ने दोहराया था कि भाजपा ने राज्य में मुख्यमंत्री पद के बंटवारे के बारे में शिवसेना से कोई वादा नहीं किया था, एक मुद्दा जिसके कारण दोनों करीबी सहयोगियों के बीच गठबंधन टूट गया।

बता दें 2019 में महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सीएम पद को लेकर अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा से विद्रोह करते हुए रिश्‍ता तोड़ लिया था। इसके बार शिवसेना ने अपनी विरोधी पार्टी एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाकर महाराष्‍ट्र में महाअघाड़ी सरकार बना ली थी। तभी से भापजा लगातार शिवसेना पर हमले करते हुए आरोप लगा रही है कि शिवसेना ने पार्टी के संस्‍थापक बालठाकरे के हिंदुत्‍व और सिद्धातों को ताख पर रख दिया है।

गौरतलब है कि 2019 में महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के समय शिवसेना ने आरोप लगाया था कि अमित शाह ने उनसे मतोश्री बंगले में वादा किया था कि महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री पद पर दोनों पार्टियों के द्वारा साझा किया जाएगा जिससे भाजपा बाद में मुकर गई। इस आरोप पर तत्‍कालीन भाजपा राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने कहा था कि उनकी पार्टी अपने वादों का सम्‍मान करती है लेकिन वे बंद कमरे में कोई बात नहीं करते। अमित शाह ने बिहार में नीतीश सरकार का उदाहरण देते हुए कि हम सफेद झूठ नहीं बोलते। हमारी पार्टी अपने वचन का सदा सम्‍मान करती है।