देहरादून, 9 जुलाई 2021
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में देहरादून सहित पांच जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार राजधानी दून में आसपास के इलाकों में अगले एक सप्ताह तक आसमान में बादल छाए रहने के साथ ही समय-समय पर बारिश होने व तेज हवाओं के चलने की संभावना है।
राजधानी देहरादून में दोपहर बाद मौसम बदला और झमाझम बारिश हुई। राजधानी देहरादून व आसपास के इलाकों में मौसम पिछले एक पखवाड़े से अजीबोगरीब रंग दिखा रहा है। बारिश की ठंडी फुहारों से लोगों को गर्मी से राहत मिली। देर रात भी देहरादून में झमा झम बारिश हुई। जिसके चलते मौसम में बदलाव आया है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में उत्तराखंड के देहरादून सहित पांच जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है. मौसम विभाग ने देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
राजधानी दून व आसपास के इलाकों में बृहस्पतिवार को एक बार फिर मौसम का अजीबोगरीब रंग देखने को मिला। मौसम के बदले मिजाज के चलते राजधानी के कुछ इलाकों में दोपहर बाद झमाझम बारिश हुई और चौराहों पर जलभराव होने से जाम लग गया। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। जाम को खुलवाने के लिए पुलिसकर्मियों को जद्दोजहद करनी पड़ी। वहीं, कई इलाकों में सिर्फ बूंदाबांदी हुई।
वैसे तो राजधानी दून व आसपास के इलाकों में बादल सुबह से छाए हुए थे, लेकिन अपराह्न तीन बजे मौसम ने अचानक करवट ले ली। आसमान में काले घने बादल छाए और फिर झमाझम बारिश हो गई।
राजधानी के जीएमएस रोड, धर्मपुर, नेहरू कॉलोनी, कारगी चौक, हरिद्वार रोड, ओल्ड नेहरू कॉलोनी, लक्ष्मी रोड, डालनवाला, जीएमएस रोड, बसंत विहार, इंदिरानगर, आईएसबीटी, माजरा, चकराता रोड, घंटाघर, राजपुर समेत ज्यादातर इलाकों में झमाझम बारिश हुई। देर रात कुछ समय के लिए फिर बारिश हुई.
बारिश होने से तमाम चौराहों पर जलभराव हो गया, जिसके चलते यातायात भी बाधित हुआ। वहीं मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अगले 24 घंटे में देहरादून में आसपास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है।
धारचूला में 32.5 मिमी और मुनस्यारी में 11 मिमी बारिश हुई। भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। बुधवार रात धारचूला से 10 किमी दूर स्थित रांथी के कुलागाड़ में वर्ष 1999 में बना 157 फुट लंबा आरसीसी का पुल बह गया जिससे चौंदास के 14, व्यास के सात और दारमा के 30 गांवों का संपर्क कट गया है। लोगों का कहना है कि बारिश तो सामान्य थी लेकिन ऊपरी क्षेत्रों से आए मलबे का बहाव इतना अधिक था कि कुलागाड़ में बना पुल काली नदी में समा गया।
एनएचपीसी में लगे सीआईएसफ के जवानों ने ग्रिफ के जेई को इसकी सूचना दी। पुल बहने की सूचना के बाद बीआरओ के चीफ इंजीनियर और कमांडेंट ने मौका मुआयना किया। पुल बहने के बाद सड़क के दोनों और सैकड़ों वाहन फंस गए हैं। फिलहाल पैदल आवाजाही के लिए ग्रिफ ने अस्थायी पुल बना दिया है। लोग अस्थायी पुल से आवाजाही कर वाहनों की अदला-बदली कर रहे हैं।