नई दिल्ली, 3फरवरी 2021

चीन के साथ अप्रैल 2020 से चल रहे सीमा विवाद (Border Dispute) को लेकर विदेश मंत्रालय (MEA) ने संसद में जवाब दिया है. मंत्रालय की तरफ से दिए गए आधिकारिक जवाब में कहा गया है कि बीते साल अप्रैल-मई के बाद से LAC पर चीन की तरफ सैनिकों की संख्या बढ़ी हुई है. मई महीने के बाद से कई बार चीन की तरफ से एलएसी के नजदीकी इलाकों में घुसपैठ की कोशिश की गई, जिसका भारत की तरफ से माकूल जवाब दिया गया है.

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात का जिक्र
मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थितियों को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष से 10 सितंबर  2020 को मॉस्को में मुलाकात की थी. दोनों ही पक्ष बातचीत में सहमत हुए थे कि ये विवाद किसी के भी हित में नहीं है. ये सहमति बनी थी कि दोनों पक्षों को बातचीत जारी रखनी चाहिए और जल्द से जल्द सेनाएं पीछे की जानी चाहिए जिससे शांति स्थापित हो सके.

रक्षा मंत्रियों की मुलाकात का जिक्र
मंत्रालय ने दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात का जिक्र भी किया है. जवाब में कहा गया है- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष से 4 सितंबर 2020 को मॉस्को में मुलाकात की थी. दोनों मंत्रियों ने एक दूसरे को संदेश दिया था कि सीमा विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि अप्रैल-मई महीने से शुरू हुए सीमा विवाद में उस बेहद गंभीर मोड़ आ गया था जब जून महीने में गलवान घाटी की घटना हुई. इसमें अपने 20 सैनिकों की शहादत के बाद भारत ने बेहद सख्त रुख अख्तियार किया. भारत ने चीन को स्पष्ट शब्दों में जवाब दिया कि सीमा पर अशांति के साथ दोनों के संबंध सामान्य नहीं रह सकते.