इस्लामाबाद, 4 अप्रैल 2021
पाकिस्तान में सेना के खिलाफ विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है और पाकिस्तानी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब सेना के खिलाफ पाकिस्तान में विद्रोह की आवाज बुलंद की गई है। और पाकिस्तान की इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पाकिस्तान में सेना सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रही है। पाकिस्तान में नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन ने सेना के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है।
सेना-विपक्ष में लड़ाई
पाकिस्तान की मुख्य विपक्षी पार्टी पीएमएल-एन ने नजाव शरीफ के खिलाफ मोर्चाबंदी कर दी है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सेना को चुनौती दी गई है। पंबाज प्रांत में नवाज शरीफ की पार्टी लोगों को यह संदेश देने में कामयाब होती दिखाई दे रही है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सेना के पिंजरे में कैद तोता हैं और पाकिस्तान में सेना और इमरान खान की हाईब्रिड सरकार चल रही है। पंजाब प्रांत अचानक पाकिस्तान की राजनीति का केन्द्र बिंदु बन गया है क्योंकि पंजाब सेना के बड़े अधिकारियों का रिक्रूटमेंट ऑफिस है और पंजाब में हालिया दिनों में हुए चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी ने कई सीटें जीतें हैं, जिससे पूरे देश में संदेश जा रहा है कि सेना की चुनी हुई सरकार को जनता खारिज कर रही है।
सबसे लोकप्रिय नवाज शरीफ
पाकिस्तानी पत्रकार सलमान रफी शेख ने एक आर्टिकिल में लिखा है कि पंबाज प्रांत में पिछले दिनों हुए उपचुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी ने जीत हासिल की है, जिससे पता चलता है कि नवाज शरीफ अभी भी सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता हैं और नवाज शरीफ की पार्टी सत्ता के खिलाफ वोट काटने में कामयाब हो रही है। नवाज शरीफ की कामयाबी के बाद पाकिस्तान में सेना के द्वारा चुने हुए प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ साथ सेना की चिंता बढ़ गई है। नवाज शरीफ की बढ़ती लोकप्रियता ने सेना को क्या करें क्या ना करें वाली अवस्था में डाल दिया है क्योंकि सेना अपने मनपसंद उम्मीदवारों को जिताने में नाकामयाब हो रही है। वहीं, पंबाज में सेना को लोगों के मिल रहे समर्थन में भी कमी आई है।
सेना के खिलाफ बढ़ता आक्रोश
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान की जनता अब समझने लगी है कि इमरान खान सेना के हाथों की कठपुतली के अलावा कुछ और नहीं हैं और इमरान खान ने जनता से जो भी वादे किए थे उसे निभाने में पूरी तरह से नाकामयाब रहे हैं। जिसकी वजह से इमरान खान के साथ साथ सेना के खिलाफ भी लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। वहीं अब सेना ने नवाज शरीफ को रोकने के लिए संविधान के 18वें संशोधन का इस्तेमाल करते हुए पंजाब का कंट्रोल भी इमरान खान के हाथों में दे सकती है, ताकि नवाज शरीफ को रोका जा सके। क्योंकि, सेना ये जान रही है कि अगर जनता की नजरों से वो उतर जाएगी तो वो फिर कभी सरकार पर नियंत्रण नहीं कर सकती है।