यरुशलम, 30जनवरी 2021

राजधानी दिल्ली में इजरायली दूतावास (Israel Embassy Blast News) के बाहर विस्फोट ने भारत और इजरायल दोनों को चौंका दिया है. इजरायल ने इसे सीधे-सीधे आतंकी हमला कहा है. कुछ ऐसे संकेत मिले हैं कि इस हमले में ईरान से जुड़े किसी संगठन का हाथ हो सकता है. फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही है. हम आपको यहां इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद (Israeli Mossad) के बारे में बताने जा रहे हैं तो अपने देश के खिलाफ हुए किसी भी हमले का बड़ा ही क्रूर बदला लेने के लिए जानी जाती है.

म्यूनिख ओलंपिक में इजरायल टीम के हत्यारों को चुन-चुनकर मारा

1972 में जर्मनी के म्यूनिख ओलंपिक में आतंकवादियों ने इजरायल टीम के 11 खिलाड़ियों की हत्या कर दी थी. इसका आरोप फिलीस्तीन के लिबरेशन अर्गनाइजेशन पर लगा था. इस हमले के बाद इजरायल में कोहराम मच गया था. मोसाद को इस हमले का बदला लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई. मोसाद ने इस हमले में शामिल 11 आतंकियों की लिस्ट बनाई. मोसाद ने अलग-अलग देशों में छिपे इन सभी 11 आतंकियों ढूंढकर मार डाला.

यासिर आराफात के करीबी को कर दिया ढेर
फिलीस्तीन और इजरायल के बीच विवाद किसी से छिपा नहीं है. एक वक्त फिलीस्तीनी नेता यासिर आराफात के दायां हाथ कहे जाने वाले खलील अल वजीर को मोसाद ने ट्यूनेशिया में ढूंढकर मार डाला. वीजर को फिलीस्तीन के आतंकी संगठनों का चीफ बताया जाता था.

अर्जेंटीना का मिशन सबसे खौफनाक
मोसाद ने 11 मई 1960 को अर्जेंटीन में एक ऐसे मिशन को अंजाम दिया था जिसकी भनक स्थानीय सरकार को भी नहीं थी. मोसाद ने नाजी युद्ध अपराधी एडोल्फ एकमैन को दोबचकर इजरायल ले आई थी. इस मिशन को बेहद सफलता से मोसाद के महज 5 एजेंटों ने दिया था अंजाम.

ऑपरेशन थंडरबोल्ट की सफलता की सफलता से मोसाद दुनिया में छाया

दरअसल, 27 जून 1976 को इजरायल के नागरिकों को ले जा रहे फ्रांस के एक विमान को अरब आतंकियों ने अपहरण कर लिया. मोसाद ने अपने 94 नागरिकों को छुड़ाने के लिए बड़े मिशन को अंजाम दिया था. इस मिशन में इजरायल के मौजूदा पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को भाई भी थे. उनकी इस अभियान के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी. लेकिन मोसाद ने इस असंभव से मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और अपने नगारिकों को युंगाडा के एंतेबे हवाईअड्डे से छुड़ा लाया.