कोलकाता, 29 जनवरी 2021

West Bengal assembly elections 2021:केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे पर पहुंचने से ठीक पहले टीएमसी के एक और बड़े नेता ने विधायकी छोड़ दी है। राज्य के पूर्व वन मंत्री राजीब बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि उनका यह इस्तीफा अमित शाह के दो दिवसीय बंगाल दौरा शुरू होने से ठीक पहले हुआ है। इससे पहले पिछले हफ्ते बनर्जी ममता बनर्जी सरकार से बाहर हो गए थे।

राजीब बनर्जी ने अपने इस्तीफे के बारे में कहा है कि ‘आज मैंने टीएमसी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। मैंने अपना इस्तीफा पश्चिम बंगाल विधानसभा स्पीकर को इस्तीफा सौंप दिया है।’ हालांकि, जब वह स्पीकर को इस्तीफा सौंपकर बाहर निकल रहे थे तो उनके हाथ में टीएमसी सुप्रीम ममता बनर्जी की एक तस्वीर थी। गौरतलब है कि ठीक एक हफ्ते पहले 22 जनवरी को बनर्जी ने मंत्री पद छोड़ दिया था। माना जा रहा है कि वह भी अपने दूसरे साथियों की तरह टीएमसी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं।

वैसे जब उनसे शाह के आने पर बीजेपी में शामिल होने के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘लोकतांत्रिक स्थिति में मैं बिना किसी बड़ी राजनीतिक पार्टी के बैनर के काम नहीं कर सकता। अगर मैं कोई फैसला करूंगा तो आपको बताऊंगा। लेकिन, अभी तक मैंने सिर्फ मंत्री पद और एमएलए से इस्तीफा दिया है। मैंने अभी तक टीएमसी से इस्तीफा नहीं दिया है।’ वैसे चर्चा है कि वे किसी भी वक्त तृणमूल से भी इस्तीफा दे सकते हैं।

गौरतलब है कि बीजेपी के बड़े नेता पहले ही कह चुके हैं अमित शाह की यात्रा के दौरान कुछ नेता उनकी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि अमित शाह शुक्रवार और शनिवार को राज्य में पार्टी के चुनाव अभियान में शामिल होने वाले हैं। पिछले साल दिसबंर में जब वह बंगाल आए थे तो दिग्गज टीएमसी नेता सुवेंदु अधिकारी ने बीजेपी का कमल थाम लिया था।

उधर टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि, ‘कुछ नेताओं ने पिछले कुछ वर्षो में हर विशेषाधिकारों का आनंद लिया है और जब चुनाव नजदीक आया है, वह दूरी बनाने लगे हैं। जो नेता दूसरी राजनीतिक पार्टियों में शामिल हो रहे हैं, उनसे कहूंगा कि वह उसी चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ें। बाकी का फैसला वोटर को करने दें।’

जबकि, बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश मजूमदार ने कहा है, ‘कई नेताओं ने लगातार कहा है कि टीएमसी में सम्मान और इज्जत के साथ रहना मुश्किल है और पार्टी इंटेंसिव केयर यूनिट की तरफ बढ़ रही है। ये घटनाएं (नेताओं के इस्तीफे की) उसी का परिणाम हैं।’