लखनऊ, 5 जुलाई 2021

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर सियासत शुरू हो गई है। एआईएमआईएम चीफ असदउद्दीन ओवैसी के बाद बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सोमवार को इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोहन भागवत पर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि मुंह में राम, बगल में छुरी जैसा है भागवत का बयान।

मायावती ने कहा- किसी के गले के नीचे उतरने वाला नहीं भागवत का बयान

मायावती ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के कल एक कार्यक्रम में भारत में सभी धर्मों के लोगों का डीएनए एक होने की बात किसी के भी गले के नीचे आसानी से नहीं उतरने वाली है। आरएसएस और बीजेपी एंड कंपनी के लोगों और इनकी सरकारों की कथनी व करनी में अंतर सभी देख रहे हैं। मायावती ने कहा, ”आरएसएस के सहयोग और समर्थन के बिना बीजेपी का अस्तित्व कुछ भी नहीं है। फिर भी आरएसएस अपनी कही गई बातों को बीजेपी और इनकी सरकारों से लागू क्यों नहीं करवा पा रही है?

आरएसएस के संकीर्ण एजेंडे पर चल रही हैं भाजपा की सरकारें: मायावती

केंद्र और उत्तर प्रदेश सहित देश के जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें चल रही हैं, वे भारतीय संविधान की सही मानवतावादी मंशा के मुताबिक चलने की बजाए ज़्यादातर आरएसएस के संकीर्ण एजेंडे पर चल रही हैं, ये आम चर्चा है। मायावती ने कहा कि अगर बसपा ने सोचा होता कि भाजपा संवैधानिक रूप से और लोगों के पक्ष में काम कर सकती है, तो बसपा ने उनके बड़े समर्थन को अस्वीकार नहीं किया होता और 1995 में इस्तीफा दे दिया होता।

भागवत ने कहा- सभी भारतीयों का डीएनए एक है

बता दें, मोहन भागवत ने बीते दिन एक कार्यक्रम में मॉब लिंचिंग पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि यदि कोई हिंदू कहता है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता है, तो वो हिंदू नहीं है। भागवत ने कहा कि गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो इसके नाम पर दूसरों को मार रहे हैं, वो हिन्दुत्व के खिलाफ हैं। ऐसे मामलों में कानून को अपना काम करना चाहिए। भागवत ने कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वो किसी भी धर्म का हो।