नई दिल्ली, 12 फरवरी 2021

राज्यसभा के सभापति और देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह बिहार में कोविड-19 की जांच के आंकड़ों में कथित हेरफेर की जांच करवाए। यह मामला शुक्रवार को सदन में बिहार की विपक्षी पार्टी राजद के सांसद मनोज झा ने उठाया और सभापति के माध्यम से सरकार से उच्च-स्तरीय जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि वहां कोविड जांच में खूब धांधली चल रही है और आंकड़ों में कुछ का कुछ दिखाया जा रहा है।

कोविड जांच के आंकड़ों में खेल ?

एक अंग्रेजी समाचार पत्र के हवाले से राजद सांसद मनोज झा ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि बिहार में कोविड-19 की जांच के आंकड़ों के साथ भारी गड़बड़ी की जा रही है। उन्होंने कहा है कि यह बहुत ही गंभीर मामला और स्वास्थ्य से जुड़ा मसला है, इसलिए इसकी गंभीरता से जांच जरूरी है। उन्होंने अखबार के हवाले से आरोप लगाया कि इन आंकड़ों में भारी अवास्तविकता नजर आ रही है। मनोज झा ने कहा, ‘पिछले दो दिनों से एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार में बिहार में कोविड जांच में हेरफेर और धांधली की कहानियां आ रही हैं। कमाल हो रहा है कि प्रतिदिन 10 हजार का जो आंकड़ा था, सातवें दिन एक हजार हो जा रहा है…..उसके 14 दिन के बाद वो दो लाख पार कर जाता है। और अब जो चीजें सामने आ रही हैं…जिसपर पहले भी आशंका व्यक्त की जा रही थी कि कई तो ब्लैंक कॉलम हैं, कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग आप कर नहीं सकते हैं…कि 10 शून्य वाला भी एक मोबाइल नंबर है। नाम और मोबाइल नंबर का कहीं मैच नहीं है। ….. ‘

आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल हो-राजद

राजद सांसद ने मांग की है कि इसकी गंभीरता से जांच जरूरी है। उन्होंने कहा- ‘मैं आपके और सदन के माध्यम से ये मांग करता हूं कि ना सिर्फ एक उच्च-स्तरीय जांच हो, त्वरित हो……माननीय स्वास्थ्य मंत्री भी बैठे हुए हैं…..एक और विषय भी रखना चाहूंगा कि आगे से हर जांच में कम से कम आधार कार्ड, पैन कार्ड या उस तरह के वैलिड डॉक्यूमेंट हों, ताकि स्वास्थ्य के साथ ये खिलवाड़ ना हो सके।’ उनकी इस मांग पर सभापति वेंकैया नायडू ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से कहा है कि यह मामला गंभीर है और जांच से ही सच सामने आएगा।

तीन जिलों में गड़बड़ी पाने का दावा

दरअसल, अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्स्प्रेस ने दावा किया था कि उसने बिहार के तीन जिलों में जो 885 कोविड टेस्टिंग की एंट्री देखी है, उसमें से कई में गलत मोबाइल नंबर, जाली नाम और गलत ब्योरा पाया है। इसने जमूई, शेखपुरा और पटना जिले के 6 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की एंट्री के आधार पर अपनी रिपोर्ट छापी है। ये आंकड़े 16,18 और 25 जनवरी के बताए गए हैं। इसमें टारगेट पूरी करने के लिए और बिना इस्तेमाल हुए टेस्टिंग किट बेचकर मुनाफा कमाने की कोशिशें सामने लाने का भी दावा किया गया है।

बता दें कि बिहार में पिछले दो दिनों से अचानक कोरोना के ज्यादा संक्रमण सामने आ रहे थे। लेकिन, शुक्रवार को इनकी संख्या सिर्फ 57 रही। इस समय वहां कोविड के कुल 700 ऐक्टिव केस हैं और अबतक इनकी कुल संख्या 2,61,568 हो चुकी है, जिनमें से 1,521 लोगों की मौत हो चुकी है।