चेन्नई, 15 मई 2021

भारत में रणनीतिक क्षेत्र के दो दिग्गज संस्थान न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) कोरोनावायरस के खिलाफ देश की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

यह अस्पतालों में ऑक्सीजन वितरण बुनियादी ढांचे/ऑक्सीजन बेड और वातानुकूलित मुर्दाघर की स्थापना के लिए वित्तपोषण के साथ ही ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की आपूर्ति, वेंटिलेटर डिजाइन करना आदि कई कार्यों में अपना योगदान दे रहे हैं।

एनपीसीआईएल भारत में एकमात्र परमाणु ऊर्जा जनरेटर है, जबकि इसरो देश की एकमात्र अंतरिक्ष एजेंसी है।

एनपीसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एस. के. शर्मा ने आईएएनएस को बताया, हमारे पास सात परमाणु ऊर्जा उत्पादन स्थल हैं। प्रत्येक साइट की जरूरतें अलग हैं और इसलिए इन्होंने स्थानीय राज्य प्रशासन के साथ मिलकर जरूरतों की पहचान करने और अंतर को दूर करने के लिए काम किया है।

शर्मा के अनुसार, कंपनी ने अस्पतालों में मरीजों के लिए ऑक्सीजन वितरण के बुनियादी ढांचे और राजस्थान के एक अस्पताल में वातानुकूलित मुर्दाघर के निर्माण के लिए वित्त पोषण किया है।

शर्मा ने यह भी कहा कि एनपीसीआईएल ने अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर उपलब्ध कराएं हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ अपनी खुद की स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को भी साझा किया है।

शर्मा ने कहा, हमने अपने स्वयं के अस्पतालों के एक विंग को कोविड केयर वार्ड के रूप में परिवर्तित कर दिया और हमारे डॉक्टरों ने भी टेली-परामर्श की पेशकश की।

उनके अनुसार, एनपीसीआईएल द्वारा कोविड-19 राहत पर 43 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।

शर्मा ने बताया कि लगभग 11,000 कर्मचारियों में से उनके लगभग 1,400 कर्मचारी कोरोनावायरस से संक्रमित हुए हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 1,200 लोग ठीक हो चुके हैं, मगर दुर्भाग्य से उनमें से 15 ने कोरोनावायरस से जूझते हुए अपनी जान गंवा दी और शेष का इलाज चल रहा है।

शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिवारों को 30 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई है।

वहीं भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में अपने इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) से ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू कर दी है।

इसरो तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और चंडीगढ़ को आपूर्ति कर रहा है।

इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने आईएएनएस से कहा, हमारी उत्पादन क्षमता बहुत कम है।

अहमदाबाद में इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र ने अहमदाबाद और आसपास के अस्पतालों में भंडारण और आपूर्ति के लिए लगभग 1.65 लाख लीटर की क्षमता वाले दो तरल नाइट्रोजन टैंक को तरल ऑक्सीजन टैंक में परिवर्तित कर दिया है।

इसके अलावा, अहमदाबाद के अस्पतालों में फेस शील्ड और पीपीई किट की भी आपूर्ति की जा रही है।

अंतरिक्ष एजेंसी ने बेंगलुरू, शिलांग और श्रीहरिकोटा में भी कोविड केयर सेंटर स्थापित किए हैं।

अंतरिक्ष एजेंसी ने वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर भी विकसित किए हैं।