UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव में अजब गजब! कहीं कांग्रेस कह रही ‘पंजे’ को हराओ, तो कहीं सपा लड़ा रही निर्दलीय

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UP Nikay Chunav: कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पार्टी की स्थिति का अंदाजा मथुरा-वृंदावन की नगर निगम सीट पर हो रहे चुनाव से लगा सकते हैं। यहां कांग्रेस ने दो प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने से पहले टिकट फाइनल कर दिया। यही नहीं दोनों नेताओं को पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने वाला फॉर्म भी दे दिया गया

2024 के लोकसभा चुनावों से पहले निकाय चुनावों की अहमियत का अंदाजा सभी राजनीतिक दलों को है। इसी तैयारी के लिहाज से सभी दलों ने निकाय चुनावों के सियासी समर में प्रत्याशियों को उतारा। लेकिन हैरत की बात यह है कि तमाम तैयारियों के बाद भी यूपी में सियासी दलों की ‘अंदरूनी एकता’ कितनी है, यह निकाय चुनावों में उनकी अजब-गजब तैयारियों से पता चल रही है। कांग्रेस पार्टी जहां अपने ही प्रत्याशी को हराने के लिए गली-गली हाथ के पंजे को वोट ना देने की अपील कर रही है। तो वहीं समाजवादी पार्टी निर्दलीय प्रत्याशी को जिता कर मेयर बनाने की अपील कर रही है। हालात तो यह है कि कई बड़ी पार्टियों को निकाय चुनावों में प्रत्याशी तक नहीं ढूंढे मिल रहे।

कांग्रेस में सिर फुटौवल की नौबत

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के दौरान कांग्रेस में सिर फुटौवल की नौबत आ गई। हालात इतने बिगड़े कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी तक से कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने टिकट बंटवारे को लेकर शिकायत तक दर्ज करा दी। कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पार्टी की स्थिति का अंदाजा मथुरा-वृंदावन की नगर निगम सीट पर हो रहे चुनाव से लगा सकते हैं। यहां कांग्रेस ने दो प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने से पहले टिकट फाइनल कर दिया। यही नहीं दोनों नेताओं को पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने वाला फॉर्म भी दे दिया गया। अंदरूनी राजनीति इस कदर हावी हुई कि मथुरा-वृंदावन में कांग्रेस के चुनाव निशान हाथ के पंजे से मेयर का चुनाव लड़ रहे श्याम सुंदर उपाध्याय बिट्टू को उनकी पार्टी अब हराने के लिए गली-गली प्रचार कर रही है। पार्टी का कहना है कि बिट्टू गलत तरीके से पार्टी का सिंबल लेकर सियासी मैदान में उतर गए। जबकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुताबिक मथुरा-वृंदावन में कांग्रेस के उम्मीदवार राजकुमार रावत हैं। हालांकि राजकुमार रावत का चुनाव निशान हाथ का पंजा नहीं है। इसीलिए अब मथुरा-वृंदावन के कांग्रेसी यहां हाथ के पंजे को हराने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। सिर्फ मथुरा-वृंदावन ही नहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस को पार्षद का चुनाव लड़ाने के लिए प्रत्याशी तक नहीं मिले। कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक नेता बताते हैं कि इसके अलावा भी प्रदेश के कई अलग-अलग शहरों ने पार्टी को प्रत्याशी अंदरूनी राजनीति के चलते नहीं मिल पाए।