जयपुर, 18 अप्रैल 2021
राजस्थान फाउंडेशन आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने कहा है कि फाउंडेशन प्रवासी राजस्थानियों को उनकी मातृभूमि से जोड़ने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
भारतीय काल गणना पर आधारित राजस्थान भाषा में तैयार पहले कैलेंडर का नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में लोकार्पण करते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि वर्ष 2001 में गठित यह फाउंडेशन ने देश दुनिया में फैल रही कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए प्रवासी राजस्थानियों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए भी बहुत सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में प्रवासी राजस्थानियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए फाउंडेशन निरंतर प्रयासरत हैं।
लोकार्पण के अवसर पर श्रीवास्तव ने कहा कि राजस्थानी भाषा, कला और संस्कृति देश दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती है अब राजस्थानी भाषा में पहली बार तैयार कैलेंडर राजस्थानी भाषा के प्रति आम लोगों में भाषाई ज्ञान को बढ़ाने में कारगर साबित होगा।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राजस्थानी भाषा अर संस्कृति प्रचार मंडल, अहमदाबाद के सहयोग से तैयार यह कैलेंडर राजस्थानी भाषा, धार्मिक स्थलों ,पर्यटक स्थलों, राजस्थानी खानपान सहित कला और संस्कृति से जुड़े हुए स्थलों से रूबरू करवाएगा।
ज़ूम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाइव लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल जैन एकेडमी ऑफ स्कॉलर्स के नरेंद्र भंडारी ने कहां कि इस कलैंडर से हमें चांद, सूरज और नक्षत्रों की गति की जानकारी भी आसानी से मिलती है । यह कलैंडर ना केवल तारीख वरना ऋतुओं के बारे में भी सभी को ज्ञानवर्धक जानकारी देगा।
राजस्थानी भाषा की पत्रिका ‘‘माणक‘‘ के संपादक पदम् मेहता ने कहा कि राजस्थानी भाषा वैदिक काल से ही मौजूद रही है अब हमें इसे संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए पूरजोर कोशिश करनी होगी। उन्होंने राजस्थानी भाषा के बारे में विस्तार से अवगत कराया । साथ ही कोरोना महामारी में आयुर्वेद के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्तर पर भी प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही कराने का आग्रह किया।