नई दिल्ली,  26दिसंबर, 2020

मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब-हरियाणा के किसानों का प्रदर्शन पिछले एक महीने से जारी है। इस बीच केंद्र सरकार ने बातचीत के जरिए कई बार इस मसले को हल करने की कोशिश की, लेकिन किसान नहीं माने। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक नए कानून वापस नहीं होते, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। इस बीच स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने फिर से सरकार के साथ बैठक की बात कही है।

योगेंद्र यादव ने शनिवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि हम 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे केंद्र के साथ वार्ता का एक और दौर आयोजित करने का प्रस्ताव रखते हैं। इस बार वार्ता के लिए हमारे एजेंडे में दो बिंदु हैं। जिसमें पहला तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीके पर आधारित है, जबकि दूसरा एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानूनी गारंटी प्रदान करने के लिए नया कानून लाने पर। वहीं क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शनपाल ने बताया कि वो 30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।

क्या कह रही सरकार?

मोदी सरकार की ओर से किसानों से बातचीत की अगुवाई केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ही कर रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि मेरा पंजाब के किसानों से आग्रह है कि वह अपने विरोध को खत्म करने और नए कृषि कानूनों पर गतिरोध को हल करने के लिए सरकार के साथ विचार-विमर्श करने के लिए आगे आएं। मौजूदा वक्त में 40 किसान यूनियनों के साथ सरकार बातचीत की कोशिश कर रही है।

किसानों को मिल रहा विपक्ष का साथ