लखनऊ , 10 फरवरी 2021

राष्ट्रीय लोकदल के नेता और पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने मंगलवार को कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों के लिए संवेदनशील होने की जरूरत है। उन्होंने पीएम के संसद में भावुक होने की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर पीएम थोड़ा ध्यान किसान पर भी देते, कुछ आंसू किसान के लिए भी बहाते तो आज हालात इतने खराब ना होते। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं।

केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान पंचायते कर रहे जयंत चौधरी ने यहां कहा, प्रधानमंत्री हम सब को आंदोलनजीवी कहते हैं। किसान आंदोलन में एक तरफ किसान शहीद हो रहे हैं और पीएम को संसद में इस तरह की बातें सूझ रही हैं। उन्होंने कहा, पगड़ी आपके पास है, पंचायत के पंच सामने बैठे हैं। अब फैसला आपको करना है।

जयंत चौधरी ने कहा, केंद्र सरकार पूंजीपतियों के इशारे पर किसान को बर्बाद करना चाहती है, ये मोदी सरकार देश को सुधारना नहीं चाहती है। ये सरकार अहंकार में चूर है। किसानों को कभी उग्रवादी, कभी आंदोलनजीवी तो कभी कुछ और बता रही है। सरकार ने तीन कृषि कानून लाकर किसानों को और ज्यादा कर्ज में दबाने का कुचक्र चला है। चुनिंदा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह कानून बनाए गए हैं। जिन्हें कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बता दें कि केंद्र सरकार बीते साल जून में तीन नए कृषि कानून लेकर आई थी, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने जैसे प्रावधान किए गए हैं। इसको लेकर किसान बीते साल जून के महीने से लगातार आंदोलनरत हैं और इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।