नई दिल्ली,24 दिसंबर 2020

सरकार के नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर गुरुवार सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षरों के साथ ज्ञापन सौंपा और इन कानूनों को लेकर दखल देने की मांग की। राष्ट्रपति से मुलाकात करने वालों में राहुल गांधी के साथ लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में कांग्रेस के नेतागुलाम नबी आजाद थे। कांग्रेस ने कहा है कि दो करोड़ से ज्यादा किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ इस ज्ञापन पर दस्तखत किए हैं।
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रपति से मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि ये जो कानून बनाए गए हैं ये किसान विरोधी हैं। हमने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और बताया कि इन नए कानूनों से किसानों,मजदूरों का नुकसान होने वाला है। उनको वापस लिया जाना चाहिए। हजारों किसान मजदूर जो धरने पर बैठे हैं, उनकी बात को सुना जाना चाहिए।

राहुल ने कहा, मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान, मजदूर घर चले जाएंगे। कोरोना पर भी मैंने चेताया था कि नुकसान होने वाला है, मेरी बात को नहीं सुना गया बाद में नुकसान सबने देखा। अब फिर प्रधानमंत्री से कह रहा हूं कि बहुत बड़ा नुकसान होने जा रहा है, इन कानूनों को वापस ले लीजिए। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से संसद का संयुक्त सत्र बुलाकर इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग की है।

बता दें कि केंद्र सरकार तीन नए कृषि कानून लेकर आई है, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। इसको लेकर किसान जून के महीने से ही आंदोलनरत हैं और इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों को कहना है कि इन कानूनों से मंडी सिस्टम और पूरी खेती प्राइवेट हाथों में चली जाएगी, जिससे किसान को भारी नुकसान उठाना होगा। कांग्रेस और कई विपक्षी दल भी इन कानूनों को वापस लेने को कह रहे हैं।