नई दिल्ली, 22 अप्रैल 2021

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को अपनी गोपनीयता नीति के संबंध में व्हाट्सएप के खिलाफ लगाए गए दुरुपयोग के आरोपों की जांच के लिए कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीटी) के आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति नवीन चावला की एकल पीठ ने कहा कि उन्होंने याचिका में योग्यता नहीं पाई और सीसीआई जांच को रद्द करने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि जांच केवल इसलिए रद्द नहीं की जा सकती क्योंकि सीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के समक्ष लंबित मामलों के परिणाम की प्रतीक्षा नहीं की।

13 अप्रैल को अदालत ने फेसबुक और उसके सहायक व्हाट्सएप पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

अदालत ने कहा कि व्हाट्सएप, फेसबुक ने स्वतंत्र रूप से शीर्ष न्यायालय और स्पष्टीकरण के लिए हाई कोर्ट के समक्ष एक आवेदन को स्थानांतरित किए बिना आयोग के आदेश को चुनौती दी। हाई कोर्ट ने कहा कि यह बनाए रखने योग्य नहीं है।

फेसबुक और व्हाट्सएप ने सीसीआई के आदेश को चुनौती दी थी कि उपयोगकर्ताओं की अनैच्छिक सहमति के माध्यम से डेटा साझा करने की पूरी सीमा, गुंजाइश और प्रभाव का पता लगाने के लिए एक महानिदेशक (डीजी) जांच के लिए बुलाया जाए। उन्होंने तर्क दिया कि गोपनीयता एक संवैधानिक मुद्दा था, जिसकी आयोग द्वारा जांच नहीं की जा सकती थी।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी द्वारा प्रस्तुत सीसीआई ने इस मुद्दे को स्पष्ट करते हुए अपने आदेश का बचाव किया कि नियामक केवल नीति के विरोधी पहलू के संबंध में था। आयोग ने कहा कि निजता के मुद्दों पर अदालतों से कोई टकराव नहीं हुआ।