नई दिल्ली, 4जनवरी, 2021

अयोध्‍या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण (Ram Temple) के लिए भूमि के शिलान्‍यास को करीब 5 महीने हो चुके हैं. इस दौरान मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण में कई तकनीकी समस्‍याएं सामने आ रही हैं. ऐसे में अभी त‍क उसकी नींव रखने का काम भी नहीं हो सका है. इस बीच राम जन्‍मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्‍ट के महासचिव और विश्‍व हिंदू परिषद के उपाध्‍यक्ष चंपत राय (Champat Rai) ने इस संबंध में जानकारी दी है. उन्‍होंने बताया है कि राम मंदिर निर्माण में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. निर्माणस्‍थल की जमीन भुरभुरी है.

चंपत राय के अनुसार जिस दिन मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा, उस दिन से 36 से 39 महीने के अंदर राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. यह पूरी तरह से पत्थरों से निर्मित मंदिर होगा. नींव के ऊपर से लेकर पूरे मंदिर में करीब चार लाख घन मीटर पत्थर का इस्तेमाल होगा. उन्‍होंने यह भी बताया कि ऐसा माना जा रहा था कि जून में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. लेकिन जमीन को लेकर अध्‍ययन अभी पूरा नहीं हो पाया है. निर्माणस्‍थल पर जमीन काफी भुरभुरी है. इसलिए परेशानी हो रही है.

चंपत राय ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा था कि राम मंदिर की नींव बनाने के लिए लोहे का नहीं बल्कि कंक्रीट और पत्‍थरों का इस्‍तेमाल होगा. इन पत्‍थरों को आपस में बांधने के लिए तांबे का इस्तेमाल किया जाएगा. मंदिर के निर्माण में चांदी के इस्‍तेमाल की कोई जरूरत नहीं है.

चंपत राय ने यह भी जानकारी दी थी कि मंदिर 360 फीट लंबा और 235 फीट चौड़ा होगा. मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी. मंदिर में 3 मंजिल होंगी. बुजुर्गों और दिव्‍यांगों के लिए आर्किटेक्‍ट अलग से प्‍लान तैयार कर रहे हैं.