लखनऊ, 26 मई 2021
दूसरी कोरोना लहर में भाजपा विधायकों की मौत के बाद खाली हुई पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने की संभावना नहीं है। एक चुनाव अधिकारी के अनुसार, “लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 151ए चुनाव आयोग को सीट रिक्ति होने की तारीख से छह महीने के भीतर संसद और राज्य विधानसभाओं के सदनों में उप-चुनावों के माध्यम से आकस्मिक रिक्तियों को भरने का आदेश देती है। बशर्ते कि किसी रिक्ति के संबंध में सदस्य का शेष कार्यकाल एक वर्ष या इससे अधिक हो।”
राज्य विधानसभा का शेष कार्यकाल अब एक वर्ष से भी कम है।
कोरोना संक्रमित होने के बाद, जिन पांच भाजपा विधायकों का निधन हो गया, उनमें रमेश चंद्र दिवाकर (औरैया), सुरेश चंद्र श्रीवास्तव (लखनऊ-पश्चिम), केसर सिंह (बरेली), दल बहादुर कोरी (रायबरेली) और विजय कश्यप (मुजफ्फरनगर) शामिल हैं।
जन्म तिथि की घोषणा में विसंगति के आरोप में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे सपा विधायक अब्दुल्ला आजम को अयोग्य ठहराए जाने के बाद, उपचुनाव के लिए छठी विधानसभा सीट रामपुर में सुएर है।
मामला अदालत में लंबित है, भले ही विधानसभा के रिकॉर्ड से पता चलता है कि सीट खाली है।
यूपी विधानसभा में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित जल्द ही छह खाली सीटों के बारे में चुनाव आयोग को सूचित करेंगे।
नियमानुसार रिक्त सीट पर छह माह के भीतर चुनाव करा लेना चाहिए। इसका मतलब है कि उप-चुनाव नवंबर तक (यदि अध्यक्ष इस महीने चुनाव आयोग को सूचित करते हैं)अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से चार महीने से कम समय पहले कराना होगा।