पटना, 2जनवरी, 2021

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ( Former CM Rabri Devi ) ने महागठबंधन ( Mahagathbandhan ) में सीएम नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) की एंट्री पर बयान देकर प्रदेश की राजनीति को अलग हवा दे दी है। हाल ही में राजद ( RJD ) के कई प्रमुख नेताओं ने इस मुद्दे पर बयान दिया है। लेकिन लालू परिवार की तरफ से राबड़ी यादव का पहला बयान है, जिससे राजनीति में भूचाल आ गई है। वहीं इस मुद्दे पर भाजपा ( BJP ) और जदयू ( JDU ) ने राजद पर हमला बोला है। हालांकि सीएम नीतीश कुमार इस तरह की बयानबाजी को खुद नकार चुके हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ( Sushil Modi ) ने राबड़ी देवी ( Rabri Devi ) के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव ( Bihar Assembly Elections ) से पूर्व लालू प्रसाद यादव ( Lalu Prasad Yadav ) की पार्टी अपने दर्जनभर विधायक और एमएलसी को जदयू में जाने से नहीं रोक पाई। उसका 10 लाख लोगों को एक झटके में सरकारी नौकरी देने का अव्यवाहिरक वादा नकार दिया गया।

इसके अलावा सुशील मोदी ने कहा कि गरीबों-मजदूरों, युवाओं-महिलाओं ने जिस पार्टी के अनुभवहीन वंशवादी नेतृत्व को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया, उसका कोई न कोई शख्स एनडीए के विधायक तोड़ने के नित नये बड़बोले दावे कर अपनी लॉयल्टी साबित कर रहे हैं। इनमें कोई राजनीतिक सच्चाई नहीं। वहीं भाजपा नेता प्रेमरंजन पटेल ( BJP leader Premranjan Patel ) ने कहा कि राजद सत्ता के लिए तड़प रही है और उसे पाने के लिए कोई भी हथकंडा अपनाना चाहती है। लाख कोशिश कर लें नीतीश एनडीए के साथ ही रहेंगे।

वहीं जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ( JDU Spokesperson Sanjay Singh ) ने राबड़ी देवी के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि राजद सत्ता के लिए तड़प रही है। जनता ने विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है उन्हें विपक्ष में बैठने का मजा लेना चाहिए। लाख कोशिश कर लें सरकार हिलने वाली नहीं है। बता दें कि इससे पूर्व जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ( Vasisth Naryana Singh ) ने राबड़ी देवी के बयान को हास्यास्पद करार दिया था।

उन्होंने कहा था कि यह निर्रथक बयान है। राजद के लोग सपना देखते हैं, कल्पना में जीते हैं। परिणाम आए और सरकार बने एक माह से अधिक हो गए, लेकिन अब तक वे हार को पचा नहीं पा रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि जिस गठबंध में संकट होगा उसके नेता भला कैसे बोलेंगे कि संकट है। बिहार में भाजपा और जदयू के बीच लगातार अंतर्विरोध उभर रहा है। महागठबंधन के नेताओं को उन्हें फिलहाल ऑफर नहीं देना चाहिए।