पटना, 20 जुलाई 2021
बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज के पिता और अमरपुर के पूर्व विधायक जनार्दन मांझी का मंगलवार को पटना के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे। उनके निधन पर जिले में शोक की लहर दौड़ गई। जर्नादन मांझी तीन बार विधायक रहे थे। बांका जिले के बेलहर विधानसभा क्षेत्र से 2005 में पहली बार जदयू विधायक बने और उसके बाद 2010 व 2015 में लगातार अमरपुर विधानसभा से जदयू के टिकट पर विधायक बने। इसके बाद उनके पुत्र जयंत राज को अमरपुर से जदयू ने टिकट दिया। वह फिलहाल सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री हैं। वे बांका के बौंसी प्रखंड की कुडरो पंचायत के सिंघेश्वरी गांव के रहने वाले थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व विधायक जनार्दन मांझी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जनार्दन मांझी एक कुशल राजनेता के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय थे। वे बांका जिले के अमरपुर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे थे। उनसे मेरा व्यक्तिगत संबंध था। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने स्व. मांझी के पुत्र ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज से दूरभाष पर बात कर उन्हें सांत्वना दी है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
10 जुलाई को पूर्व विधायक बौंसी स्थित अपने आवास पर पैर फिसलने से गिर गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट लगी थी। उन्हें पटना ले जाया गया था। रविवार को पारस हॉस्पिटल में उनके सिर का ऑपरेशन हुआ था। वे काफी सरल एवं सादगी से जीवन बिताने वाले राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने 1995 में राजनीति की शुरुआत बांका के पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री स्व. दिग्विजय सिंह के साथ की थी। उसी समय समता पार्टी के टिकट पर पहली बार कटोरिया विधानसभा से चुनाव लड़ा था। 2001 में बौंसी से जिला पार्षद बने थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते थे। अपने पीछे इकलौते पुत्र ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज सहित भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन पर बांका सांसद गिरिधारी यादव, पूर्व मंत्री राम नारायण मंडल, बेलहर विधायक मनोज यादव, कटोरिया विधायक निक्की हेम्ब्रम, पूर्व विधायक रामदेव यादव सहित बड़ी संख्या में लोगों ने शोक व्यक्त किया है।