उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश कुमार के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी को अपने पराये की समझ नहीं है। जो जैसे चाहे वैसे उन्हें हैंडल कर रहा है। 2020 में विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा था कि मुख्यमंत्री का एक बेटा है वो उनका है भी या नहीं। ये उनको आगे बढ़ाने की बात कह रहे हैं। इधर नीतीश कुमार ने एक बार फिर दोहराया है कि उन्हें कुशवाहा से कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्हें जहां जाना है जाएं। पढ़िए कैसे कुशवाहा ने भी नीतीश कुमार के एक-एक सवाल का खुलकर जवाब दिया…
मुख्यमंत्री जी कहते हैं मीडिया में क्यों जाते हैं, आइए बैठकर बात करेंगे
उपेंद्र का जवाब: 4-5 दिनों से मुझे लेकर बातें हो रही है। मुख्यमंत्री जी भी मुझे लेकर बयान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं बात मीडिया के सामने नहीं होनी चाहिए, पार्टी में बैठकर होनी चाहिए।
मैं नीतीश जी से पूछना चाहता हूं कि इसकी शुरुआत किसने की। मीडिया से बात कर संदेश भेजना मुख्यमंत्री जी ने खुद ही शुरू किया है। शुरुआत उन्होंने की मैंने नहीं की।
मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं पार्टी में अपनी बात रखिए
उपेंद्र का जवाब: मैं पार्टी के किस मंच पर बात करूं। पार्टी की बैठक ही नहीं हो रही है। पार्टी का मंच तो दीजिए जहां मैं अपनी बात रख सकूं।
मुख्यमंत्री जी कहते हैं आइए बैठकर बात करेंगे
उपेंद्र का जवाब: उपचुनाव के बाद मैंने उनसे पार्टी की कमजोरी की बात कही थी, तो उन्होंने कहा था कि BJP में जाइएगा क्या। 2 साल में मुख्यमंत्री जी ने मुझे कभी मिलने का टाइम नहीं दिया। अगर मैं झूठ बोल रहा हूं तो वो अपने बच्चों की कसम खाकर दिखाएं। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आज भी बुलाए, मैं बात करने जाऊंगा। पार्टी अब बर्बाद हो रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मैं कई बार आया गया वाला हूं
उपेंद्र का जवाब: मुख्यमंत्री जी ने कहा था कि मैं कई बार आया गया हूं। ऐसे बहुत सारे लोग पार्टी में हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष भी आए गए हैं। उनके बारे में क्यों नहीं बोलते हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अपनी पार्टी का विलय किया था तो मैंने नंबर वन पार्टी बनाने की बात कही थी। मैंने लगातार CM को पार्टी की कमजोरी के बारे बताया था।
मुख्यमंत्री जी कहते हैं जहां जाना है चले जाएं
उपेंद्र का जवाब: मैं इस पार्टी को छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा। छोटा भाई बिना हिस्सा लिए चला जाए ताकि सब बड़े भाई को मिल जाए। मैं किसी के कहने पर पार्टी नहीं छोड़ूंगा। पार्टी में मेरी हिस्सेदारी है। पार्टी को बचाने की अंतिम लड़ाई लड़ूंगा।
जब जरूरत पड़ी तो बुलाया अब जाने की बात कर रहे हैं
उपेंद्र का जवाब: 2009 में जब उपचुनाव हुए थे, जदयू कई सीट हार गई थी, तब मुझे बुलाया गया। 2020 में 43 पर आ गए थे तो मुझे बुलाया गया था। कुछ लोग उनके आस-पास रह कर उनको बरगलाते हैं। मुख्यमंत्री जी को दूसरे लोग हैंडल कर रहे हैं। अपना कुछ नहीं कर रहे हैं।
नीतीश फिर बोले- जिसे जहां जाना है जाए
उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक बात हम बार-बार कह रहे हैं, ऐसा कभी आपने देखा है कि किसी पॉलिटिकल पार्टी में कोई बात होती है, तो इस पर पार्टी में बैठकर चर्चा होती है। प्रतिदिन इस पर नहीं बोला जाता है। अपनी बातों को कोई ट्वीट करता है, तो यह सब चीज तो सिस्टम है नहीं।
उन्होंने कहा कि यह तो आप लोगों को भी पता होगा कि कौन कहां था और कहां तक गया, कौन पार्टी बनाया एमएलए, कौन सी पार्टी अभी राज्यसभा में भेजे हैं और कौन सी पार्टी अभी एमएलसी बनाया है। सिर्फ एमपी दूसरे पार्टी से बना।
हम लोग उनका इज्जत करते रहे वह चले गए फिर वापस आए। हमको आश्चर्य लग रहा है हम इतना प्रेम करते हैं। कोई चला भी जाता है तो हमको क्या मतलब है। पार्टी के लिए जनता दल यूनाइटेड के लिए इन सब चीजों का कोई मतलब नहीं है। वह जब इस बार पार्टी में वापस आए तो मेरी ही इच्छा से आए हैं और लोग नहीं चाहते थे।
जानिए कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने बगावती तेवर अख्तियार करते हुए पिछली बार इशारों-इशारों में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर कई आरोप लगाए थे। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन पर कुछ ना बोलने की बात कही थी। लेकिन अगले ही दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक सधा हुआ बयान देते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी में रहना है तो रहे और जाना है तो जाएं।
तब उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट करते हुए लिखा बड़ा अच्छा कहा भाई साहब आपने…! ऐसे बड़े भाई के कहने से छोटा भाई घर छोड़कर जाने लगे तब तो हर बड़का भाई अपने छोटका को घर से भगाकर बाप-दादा की पूरी संपत्ति अकेले हड़प ले। ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर….?
जदयू में विलय करने का दबाव बनाया था
आज उपेंद्र कुशवाहा पार्टी से जाने की घोषणा तो नहीं करेंगे। लेकिन, उपेंद्र कुशवाहा आज नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेंगे और बताएंगे कि किस तरह से नीतीश कुमार ने उन पर आरएलएसपी को जदयू में विलय करने का दबाव बनाया था और उनको पार्टी में जाने से पहले क्या क्या वायदे किये थे। उपेन्द्र कुशवाहा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 35 साल से ज्यादा पुराना संबंध है। ऐसे में बहुत सारी बातें उपेंद्र कुशवाहा आज बता सकते हैं।
जदयू के कुछ नेताओं ने राजद के साथ डील कर ली
पिछली बार जदयू के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने साफ कहा कि जदयू के कुछ नेताओं ने राजद के साथ डील कर ली है। उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से अपने प्रेम को तो दिखाया था लेकिन, उन्होंने इशारों-इशारो में ललन सिंह पर हमला करते हुए कहा था कि मीटिंग बुलाकर वो बताएं कि क्या डील हुआ है।
उपेंद्र ने जदयू को कमजोर होने की बात कही थी। कहा कि जदयू में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। नीतीश कुमार को मजबूत करने को लेकर जब उन्होंने मुहिम चलाई तो पार्टी के नेताओं ने उनके खिलाफ साजिश किया है।
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उपेंद्र पर बोले नीतीश-रहें तो अच्छा…जाएं तो उनकी इच्छा:हिस्सा लेकर जाएंगे वाले बयान पर कहा- कोई परेशानी है तो मुझसे बात करें
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें पार्टी में लाया, सम्मान जनक पद दिया। सम्मान दिया इसके बाद भी वह केवल बाहर में बयान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि वो पार्टी में रहें तो बहुत अच्छा…जाएं तो उनकी इच्छा।
अगर उन्हें कोई परेशानी है तो आए मुझसे बात करें, बैठें उनकी समस्या का समाधान होगा। मीडिया में बयान देने से कुछ नहीं होता है।
महागठबंधन में जाने से पहले RJD से डील हुई थी:उपेंद्र कुशवाहा बोले- नीतीश को कमजोर किया जा रहा, बुलाएं तो सबकुछ बता दूंगा
JDU में खींचतान बढ़ गई है। पार्टी में अब दो खेमा बन गया है। एक तरफ राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह तो दूसरी तरफ संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को कहा कि महागठबंधन में जाने से पहले जदयू के कुछ नेताओं ने राजद के साथ डील की थी।
नीतीश कुमार को लगातार कमजोर किया जा रहा है। मुझे नीतीश जी बुलाएं। मैं सब कुछ साफ कर दूंगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष बुलाएं, उनके सामने सब कुछ रख दूंगा। वो बताएं कि कौन सी डील हुई है? क्यों राजद के लोग कह रहे हैं कि उनके नेता को शपथ दिलाई जाए? मुख्यमंत्री अभी चेत जाएं नहीं तो मुश्किल होगी।