भोपाल, 27 मई 2021

कोरोना काल के दौरान एक तरफ जहां देश आर्थिक महामारी से जूझ रहा है। वहीं, दूसरी तरफ बेरोजगारों की संख्या में भी वेतन बढ़ोत्तरी होती जा रही है। हालांकि इस बीच सीएमआईई की एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है।

दरअसल, रोजगार देने के मामले में मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर काबिज है। वहीं, प्रदेश में बेरोजगारी दर 1.4 फीसदी रिकॉर्ड की गई है। जबकि पहले स्थान पर असम को शामिल किया गया है।

दरअसल, कोरोना काल और लॉकडाउन के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में बनी शिवराज सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के मामले में देश में दूसरे नंबर पर अपनी उपलब्धि दर्ज कराई है।

सेंटर फॉर मोनेट्री इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों की मानें तो मध्य प्रदेश में बेरोजगारी दर 1.4 फीसदी रिकॉर्ड की गई है। पहले स्थान पर 0.2फीसदी के साथ असम को रखा गया है जबकि मध्य प्रदेश और मेघालय 1.4 बेरोजगारी दर के साथ दूसरे नंबर पर काबिज हुए हैं।

इसके अलावा टॉप टेन राज्य में छत्तीसगढ़ को भी शामिल किया गया है। छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर तीन प्रतिशत आंकी गई है। वहीं, सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार देश में बेरोजगारी दर 11.4 प्रतिशत बताई गई है। इससे पहले देश में बेरोजगारी दर 3.5 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई थी, जो अब घटकर तीन प्रतिशत पर पहुंच गई है। 27.3 प्रतिशत के साथ 26 नंबर पर दिल्ली को रखा गया है। वहीं, राजस्थान 28 प्रतिशत के साथ 27 नंबर पर रहा है।

बता दें कि मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से लॉकडाउन में ना लगाकर कोरोना कर्फ्यू को लागू किया गया था। इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बनी शिवराज सरकार द्वारा लगातार प्रवासियों मजदूर सहित अनेकों बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध करवाए गए थे। अब ऐसी स्थिति में जहां कोरोना से आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। वहीं, लॉकडाउन की वजह से जहां व्यवसायिक और औद्योगिक इकाइयां बंद है। ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश के लिए आखिरी निश्चिय ही संतोषजनक होंगे।