कोलकाता, 7 मार्च 2021
भाजपा नेता और नंदीग्राम से पार्टी प्रत्याशी सुवेंदु अधिकारी ने अब तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के खिलाफ सीधा हमला करना शुरू कर दिया है। उन्होंने रविवार को कहा कि वो बंगाल की बेटी नहीं, बल्कि घुसपैठियों और रोहिंग्या मुसलमानों की ‘खाला’ हैं। अधिकारी ने कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण शुरू होने से ठीक पहले अपनी पूर्व नेता पर यह तंज कसा है। इस दौरान उन्होंने लेफ्ट-फ्रंट और कांग्रेस गठबंधन को भी आड़े हाथों लिया है और कहा है कि ये तीनों तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देकर बंगाल को बांटकर कश्मीर बनाना चाहते हैं।
टीएमसी आई तो कश्मीर में पंडितों के साथ जो हुआ….सुवेंदु अधिकारी
ब्रिगेड ग्राउंड की रैली में सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी के साथ-साथ कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन पर भी जमकर हमला किया है। उन्होंने कहा है-‘तृणमूल कांग्रेस और लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन दोनों तुष्टिकरण की राजनीति से बंगाल को बांटना चाहते हैं। अगर टीएमसी फिर से सत्ता में आई तो बंगाल कश्मीर बन जाएगा….पंडितों के साथ जो कश्मीर में हुआ वही यहां आपके साथ भी होगा।’ उन्होंने कल भी एक रैली में ऐसे ही आरोप लगाए थे और कहा था, ‘अगर श्यामा प्रसाद मुखर्जी नहीं होते तो यह देश एक मुस्लिम राष्ट्र बन गया होता और हम लोग बांग्लादेश में रह रहे होते। अगर (टीएमसी) सत्ता में आई तो पश्चिम बंगाल कश्मीर बन जाएगा।’
‘प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की चेयरमैन हैं ममता’
टीएमसी से भाजपा में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी अपनी पुरानी पार्टी और उसकी मुखिया पर हमले का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने फिर से आरोप लगाया है कि यह पार्टी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में तब्दील हो चुकी है। उन्होंने कहा-‘ममता बनर्जी इस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की चेयरमैन हैं और ‘टोलाबाज भाइपो’ (भ्रष्ट भतीजा) इसके मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। माननीया (सीएम) ने 500 करोड़ रुपये में एक विचारक को खरीदा है। यह पैसा मनरेगा, पीएम आवास योजना से लूटा गया है और कोयला, बालू और गाय की तस्करी करके जुटाया गया है।’ अधिकारी को भाजपा ने नंदीग्राम से ममता के खिलाफ टिकट दिया है।
‘बंगाल की बेटी नहीं, घुसपैठियों और रोहिंग्याओं की ‘खाला’ हैं ममता’
उन्होंने ममता पर सबसे बड़ा हमला उनकी पार्टी का नारा ‘बांग्ला निजेर मेयकेई चाये'(बंगाल को अपनी बेटी चाहिए) पर किया है। अधिकारी ने कहा है, ‘आपको (ममता बनर्जी) कोई अपनी बेटी नहीं मानता है। आप घुसपैठियों और रोहिंग्याओं की ‘खाला’ (मौसी)हैं।’ इससे पहले शनिवार को बेहाला में एक जनसभा के दौरान उन्होंने कहा था, ‘नंदीग्राम मेरे लिए कोई चुनौती नहीं है। मैं नंदीग्राम में उन्हें हराने जा रहा हूं और उन्हें वापस कोलकाता भेजने जा रहा हूं। मैं पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को यह जिम्मेदारी देने के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं नंदीग्राम और पूरे बंगाल में कमल खिलाने के लिए काम करूंगा। वह (ममता) यह चुनाव 50,000 से ज्यादा वोटों से हारने जा रही हैं।’
200 से ज्यादा सीट जीतने का है भाजपा का लक्ष्य
बंगाल में इसबार 27 मार्च से 29 अप्रैल के दौरान 8 फेज में विधानसभा चुनाव करवाए जाने हैं। अभी तक यह चुनाव त्रिकोणीय लग रहा है और मुख्य मुकाबाला सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस, लेफ्ट फ्रंट-कांग्रेस-इंडियन सेक्युलर फ्रंट और भारतीय जनता पार्टी के बीच हो रहा है। 294 सीटों वाली विधानसभा में 2016 में भाजपा सिर्फ 3 सीटें जीती थी, लेकिन इसबार वह 200 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है और लोकसभा चुनाव में उसके शानदार प्रदर्शन ने उसे बेहद दिलचस्प स्थिति में ला खड़ा किया है। तब कुल 42 सीटों में तृणमूल ने 22, बीजेपी ने 18 और कांग्रेस ने 2 सीटें जीती थी और लेफ्ट फ्रंट का तो सूपड़ा ही साफ हो गया था। लेकिन, 27 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी और फुरफुरा शरीफ के मौलवी अब्बास सिद्दीकी के साथ गठबंधन ने इस चुनाव में वोटों के समीकरण को बहुत ही पेंचीदा बना दिया है।