नई दिल्ली, 17 मार्च 2021
देश में कोविड-19 का प्रकोप शुरू होने के 1 साल 2 महीने बाद पहले तो मामलों में खासी गिरावट आई, लेकिन अब एक बार महामारी फिर से सिर उठा रही है। पहले तो ऐसा लगा कि कोरोना संक्रमण केवल महाराष्ट्र और पंजाब में बढ़ रहा है, क्योंकि इन 2 राज्यों से ही सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे थे। जबकि आंकड़ों के मुताबिक, रोजाना दर्ज हो रहे मामलों में से करीब 85 फीसदी मामले 8 राज्यों के हैं। जाहिर है यह स्थिति भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के आने के मजबूत संकेत दे रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि मामलों में बढ़ोतरी मार्च में शुरू हुई, जबकि उसके 2 महीने पहले पूरे देश में मामलों में गिरावट आनी शुरू हुई थी।
आंकड़ों से पता चलता है कि केवल मार्च के दूसरे हफ्ते में ही देश में 1 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं और यह साफ तौर पर दूसरी लहर के आने का संकेत है। इसी समय से करीब एक साल पहले मार्च 2020 में पूरा देश लॉकडाउन में गया था।
दैनिक मामलों के आंकड़ों पर नजर डालें तो मंगलवार को देश में 28,903 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 17,864 मामले केवल महाराष्ट्र के थे, जो कि कुल मामलों का 60 फीसदी से ज्यादा थी। यह दैनिक मामलों में इस साल का सबसे बड़ा आंकड़ा था। नए मामलों की वृद्धि में भारत ने अमेरिका और ब्राजील को भी पीछे छोड़ दिया है। वहीं मंगलवार को घातक वायरस के कारण हुई 188 मौतों में से 87 महाराष्ट्र के और 38 पंजाब के थे।
देश में अब तक 1.14 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमण के शिकार हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, नए मामलों के 78 फीसदी से ज्यादा मामले महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु के हैं।
बता दें कि 11 मार्च के बाद से भारत में रोजाना 20 हजार से ज्यादा दैनिक मामले दर्ज हो रहे हैं। इससे पहले पिछले साल 20 दिसंबर को देश में 26,624 दैनिक मामले दर्ज हुए थे, जो 31 जनवरी तक घटकर 13,052 पर आ गए थे।
एक तरफ देश में कोविड के नए मामलों की बढ़ोतरी हो रही है, वहीं 17 मार्च को रिकवरी रेट घटकर 96.6 फीसदी हो गया, जो 4 हफ्ते पहले 97.3 प्रतिशत था। देश में अब सक्रिय मामलों की संख्या भी बढ़कर 2.34 लाख से अधिक हो गई है।