मुंबई, 18 जून 2021
महाराट्र के मुंबई में फर्जी वैक्सीन घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए सभी 4 आरोपियों को 25 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
वैक्सीन लगवाने के बाद सर्टिफिकेट भी नहीं मिला
मुंबई के कांदिवली इलाके स्थित हीरानंदानी एस्टेट सोसायटी में 30 मई को सोसायटी की ओर से वैक्सीनेशन कैम्प लगाया। इसमें 390 लोगों को कोविशील्ड लगाई गई। कहानी तब शुरू हुई जब एक भी लोगों में वैक्सीन का साइड इफेक्ट नजर नहीं आया। इसके बाद से ही सवाल उठ रहे हैं कि कहीं लोगों को फर्जी वैक्सीन तो नहीं लगा दी गई? सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि क्योंकि वैक्सीन लगने के तुरंत बाद लोगों को सर्टिफिकेट भी नहीं मिला।
1260 रुपए में लगाई एक डोज
सोसायटी में रहने वाले हितेश पटेल ने बताया, मेरे बेटे ने वैक्सीन लगवाई थी। इसके लिए हमने 1260 रुपए चुकाए। 1200 रुपए एक डोज के और 60 रुपए जीएसटी। वैक्सीन लगने के बाद हमें कोई मैसेज भी नहीं मिला। यहां तक कि वैक्सीन लगवाते वक्त फोटो खींचने की भी मनाही थी।”
वैक्सीन लगने के बाद किसी को भी कोई लक्षण या साइड इफेक्ट नहीं दिखे। सोसायटी में रहने वाले ऋषभ कामदार ने कहा, “हम लोग हैरान थे क्योंकि हमें कोई भी लक्षण या साइड इफेक्ट नहीं दिखे। हम सोचने लगे कि क्या हो रहा है। क्योंकि हमें वैक्सीन का सर्टिफिकेट भी नहीं मिला था. हमें 10-15 दिन बाद सर्टिफिकेट मिला।