फिलाडेल्फिया/नोएडा, 5 जून 2021

कश्मीरी पंडितों के दो महत्वपूर्ण संगठन कोविड-19 से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए एक साथ आगे आए हैं। अमेरिका में कश्मीरी ओवरसीज एसोसिएशन (केओए) और भारत में अखिल भारतीय कश्मीरी समाज (एआईकेएस) द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक बयान के अनुसार, भारत में कोविड संकट के तीव्र चरण के साथ, इस सप्ताह, कश्मीरी पंडितों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो सबसे बड़े संगठन, एक व्यापक, पोस्ट-कोविड पुनर्वास योजना विकसित करने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

केओए की अध्यक्ष अर्चना कोकरू ने कहा, हमारे समुदाय की अभूतपूर्व पुनर्वास जरूरतों को पूरा करने के लिए एआईकेएस के साथ हमारा गठबंधन मजबूत होगा।

एआईकेएस कई वर्षों से केओए का प्रमुख भागीदार रहा है। यह साझेदारी 1990 के दशक में शिक्षा में उत्कृष्टता (एक्सिलेंस इन एजुकेशन) सहायता कार्यक्रम के निर्माण के साथ विकसित हुई थी, जिसे कश्मीरी युवाओं की मदद करने के लिए डिजाइन किया गया था, जो हिंसाग्रस्त जम्मू-कश्मीर से पलायन के दौरान अपने परिवारों के साथ भाग गए थे।

बयान में कहा गया है कि अब, तीस साल बाद, एआईकेएस और केओए भारत में प्रवासी कश्मीरी पंडितों के अल्पकालिक और दीर्घकालिक कल्याण दोनों के लिए अपने संबंधों को मजबूत करेंगे।

एआईकेएस के अध्यक्ष कर्नल तेज टीकू (सेवानिवृत्त) ने कहा, अल्पावधि में, हमारा प्राथमिक प्रयास केपी परिवारों के लिए सहायता प्रदान करना होना चाहिए, जिन्होंने अपनी आय का एकमात्र स्रोत खो दिया है। उन्हें नौकरी खोजने और सरकारी लाभों के लिए आवेदन करने में सहायता से लेकर शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और अन्य तत्काल चीजों को लेकर भी सहायता की जरूरत है।

संयुक्त बयान में यह भी कहा गया है कि दीर्घावधि में, एआईकेएस और केओए दोनों सहमत हैं कि उन्हें जम्मू में वृद्ध पंडितों की आबादी की देखभाल के लिए एक पारस्परिक रणनीति विकसित करनी चाहिए। साथ ही स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए निवेश करना चाहिए और करियर विकास एवं कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान करना चाहिए।