Home Authors Posts by The Front Desk

The Front Desk

269 POSTS 0 COMMENTS

राजस्थान: सीएम पद की दौड़ में बाबा बालक नाथ का नाम सुर्खियों में, दिया ये बयान

जयपुर : राजस्थान में कल 3 दिसंबर को चुनाव के परिणाम सामने आएंगे। इसके बाद तय होगा कि बीजेपी की सरकार बनेगी या कांग्रेस की। इधर, बीजेपी में सीएम पद की दौड़ में बाबा बालक नाथ का नाम काफी सुर्खियों में है। एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार बाबा बालक नाथ को बीजेपी की तरफ से लोगों ने सबसे अधिक पसंदीदा चेहरा बताया है। इसके बाद से बीजेपी की सियासत में पारा चढ़ा हुआ है। उधर, बाबा बालक नाथ ने मुख्यमंत्री पद के दावेदारी को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिसके बाद सीएम पद की रेस में एक बार फिर कई सवाल खड़े हो गए।

 

शीर्ष नेतृत्व के आदेशों की होगी पालना

बीते कई महीनो से बीजेपी में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर काफी सस्पेंस बरकरार है। इस बार बीजेपी ने विधानसभा का चुनाव बिना मुख्यमंत्री के चेहरे पर लड़ा है। इसको लेकर बाबा बालक नाथ का नाम काफी सुर्खियों में है। CM की दावेदारी को लेकर मीडिया में बालक नाथ की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। इसमें उन्होंने कहा कि वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आदेश का पालन करते हैं। इसके अलावा हमें कुछ नहीं आता है।

एक न्यूज चैनल ने महंत बालक नाथ से सवाल किया कि क्या आप खुद को CM का दावेदार मानते हैं। इसके जवाब में उन्होंने यही प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारी पार्टी एक है। हम पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आज्ञा का पालन करते हैं। हम अपने गुरु के आशीर्वाद से सेवा कर रहे हैं। हमारे संप्रदाय में गुरु के वचनों को सत्य वचन कहा जाता है।

मैं खुद को योगी की तरह नहीं पेश करता हूं

न्यूज चैनल ने बाबा बालक नाथ से सवाल किया कि क्या आप खुद को योगी के तौर पर राजस्थान में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर बाबा बालक नाथ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। हम अपने आप को किसी के तौर पर पेश करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हमारा सौभाग्य है कि हमें सेवा कर सेवा करने का अवसर मिल रहा है।

कौन हैं बाबा बालकनाथ ?

39 साल के बाबा बालकनाथ का जन्म 16 अप्रैल 1982 में कोहराणा गांव में हुआ। बालकनाथ यादव जाति (ओबीसी) से आते हैं। साथ ही नाथ संप्रदाय के आठवें मुख्य महंत भी हैं। महंत चांदनाथ ने 29 जुलाई 2016 को बालकनाथ को उत्तराधिकारी घोषित किया था। नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी गद्दी अस्थल बोहर नाथ आश्रम के महंत हैं। बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी के चांसलर भी हैं। वहीं अलवर से मौजूदा सांसद हैं। इसके अलावा अलवर की तिजारा विधानसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार भी हैं।

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक

Knews Desk: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। सरकार ने शनिवार को कहा कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि सदन में चर्चा के लिए पूरा माहौल बने और कहीं कोई व्यवधान न हो। राजनीतिक दलों के नेताओं ने शीतकालीन सत्र के एजेंडे पर चर्चा के लिए शनिवार को बैठक की। इस दौरान विपक्षी नेताओं ने पुराने आपराधिक कानूनों के स्थान पर लाए जा रहे तीन विधेयकों के अंग्रेजी में नाम, मंहगाई, जांच एजेंसियों के ‘दुरुपयोग’ और मणिपुर पर चर्चा की मांग की।

संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पत्रकारों से कहा कि बैठक में सरकार ने आश्वासन दिया कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि उन्होंने कहा कि लेकिन विपक्ष को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि सदन में चर्चा के लिए पूरा माहौल बने और कहीं कोई व्यवधान न हो। जोशी ने कहा कि सरकार रचनात्मक चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है और उसने विपक्ष से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित होने देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विपक्ष के सुझावों को सकारात्मक रूप से लिया है। जोशी ने बताया कि 19 विधेयक और दो वित्तीय विषय विचाराधीन हैं।

अपने मुद्दों को लेकर हमलावर दिखेगा विपक्ष

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि विपक्ष ने कुछ मुद्दों पर चिंता व्यक्त कि है जिसमें चीन द्वारा ‘हमारी जमीन हड़पना’, मणिपुर, महंगाई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तथा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का ‘दुरुपयोग’ शामिल है। यह बैठक जोशी ने बुलाई और इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की नेता फौजिया खान और आरएसपी नेता एन के प्रेमचंद्रन सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।

संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू होगा और यह 22 दिसंबर तक चलेगा जिसमें 15 बैठकें होंगी। इस सत्र में औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों के स्थान पर तीन विधेयक लाने सहित प्रमुख विधेयकों के मसौदे पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है। सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में ‘पैसे लेकर प्रश्न पूछने’ के मामले में लोकसभा की एक समिति की रिपोर्ट भी पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। इस रिपोर्ट में तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।

अयोध्या: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सबसे पहले संतों को भेजा गया आमंत्रण, ऐसा है कार्ड

लखनऊ/ अयोध्या। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रण बांटने का काम श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से शुरू कर दिया गया है। सबसे पहले साधु-संतों को आमंत्रण भेजा गया। इसके लिए कार्ड तैयार किए गए हैं। समारोह में देश के विभिन्न परंपराओं के करीब चार हजार संतों को आमंत्रित किया जा रहा है। आमंत्रण पत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की ओर से भेजा जा रहा है।

आमंत्रण पत्र में अपील की जा रही है कि लंबे संघर्ष के बाद राममंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है। पौष शुक्ल द्वादशी 22 जनवरी को रामलला के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर के गर्भगृह में की जाएगी। प्रबल इच्छा है कि अयोध्या में उपस्थित रहकर आप इस महान अवसर के साक्षी बनें।

संतों से अपील की जा रही है कि 21 जनवरी के पूर्व अयोध्या आने की योजना बनाएं। विलंब से आने पर परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है। 23 जनवरी तक अयोध्या में रहने का आग्रह भी ट्रस्ट कर रहा है। देशभर के संतों के साथ अयोध्या के भी संतों को आमंत्रण देने का काम शुरू कर दिया गया है। संघ व विहिप के कार्यकर्ताओं की टीम संतों से मुलाकात कर उन्हें आमंत्रण दे रही है।

TMC में ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के समर्थकों में छिड़ी जुबानी जंग, जानिए क्या है उम्र का विवाद

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) में नए और पुराने नेताओं में जुबानी जंग छिड़ गई है। यह जुबानी जंग उम्र को लेकर हो रही है। दरअसल, टीएमसी नेता कुणाल घोष ने हाल ही में पार्टी में नेताओं के चुनाव लड़ने की उम्रसीमा तय ना होने पर सवाल उठाए थे और कहा था कि कई पुराने नेता जब तक जीवित रहेंगे, तब तक पार्टी में बने रहेंगे। कुणाल घोष के इस बयान के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत रॉय ने कहा है कि पार्टी में उम्र कोई बाधा नहीं हैं और वरिष्ठ नेताओं की भूमिका क्या होगी, इसका फैसला सिर्फ ममता बनर्जी करेंगी।

सौगत राय ने कही ये बात

सौगत रॉय ने कहा कि ‘कौन चुनाव लड़ेगा और किसकी क्या पद मिलेगा, इसका फैसला ममता बनर्जी करेंगी। वह हमारी सुप्रीम नेता हैं और पार्टी में सबसे बड़ी अथॉरिटी रहेंगी। अभिषेक बनर्जी एक चर्चित युवा नेता हैं लेकिन अभी भी ममता बनर्जी के नाम पर ही पार्टी को वोट मिलता है। सौगत राय ने कहा कि टीएमसी में 75 साल तक ही चुनाव लड़ने जैसा कोई नियम नहीं है।’

टीएमसी का हाल ही में नेताजी इंडोर स्टेडियम में सम्मेलन हुआ था। सम्मेलन के दौरान स्टेडियम के मुख्य द्वार पर अभिषेक बनर्जी की तस्वीर नदारद थी, जिसे लेकर भी खूब चर्चा हुई। इस मामले पर सौगत रॉय ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि जहां ममता बनर्जी की तस्वीर हो, वहां सब जगह अभिषेक बनर्जी की भी फोटो हो। युवा नेताओं को पार्टी में मौके देने के सवाल पर सौगत रॉय ने कहा कि ‘ममता बनर्जी ने पार्टी में युवा नेताओं को काफी मौके दिए हैं और किसको क्या जिम्मेदारी देनी है, यह ममता बनर्जी ही तय करती हैं। हम सिर्फ उनके सैनिक हैं।’

क्या ये है विवाद की जड़?

इस विवाद से TMC के भीतर चल रही खींचतान का भी खुलासा हो गया है। बता दें कि इस विवाद को ममता बनर्जी के पार्टी पर अपना प्रभाव बनाए रखने और अभिषेक बनर्जी के ताकतवर नेता के तौर पर उभरने के तौर पर भी देखा जा रहा है। दरअसल TMC के वरिष्ठ नेताओं को ममता बनर्जी का समर्थक माना जाता है, वहीं पार्टी के युवा नेताओं पर अभिषेक बनर्जी का प्रभाव माना जाता है।

यही वजह है कि पुराने और नए नेताओं के बीच छिड़ी जुबानी जंग को बड़े बदलाव की आहट के तौर पर भी देखा जा रहा है। हालांकि पार्टी के नेता ऐसी खबरों को सिरे से खारिज करते हैं और कहते हैं कि टीएमसी के लिए ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी, दोनों ही जरूरी हैं।

ED ने संजय सिंह के खिलाफ कोर्ट में पेश की 60 पेज की चार्जशीट, लगाए ये आरोप

नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को संजय सिंह के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में 60 पेज की चार्जशीट दाखिल कर दी है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और कद्दावर नेता संजय को अक्टूबर 2023 में ईडी ने कई घंटों तक पूछताछ के बाद ​गिरफ्तार किया था। तभी से संजय सिंह तिहाड़ जेल में हैं।

उन्होंने जमानत के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में याचिका दायर की थी लेकिन अभी तक उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली है। संजय सिंह को 24 नवंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट ने निराश करते हुए उनकी न्यायिक हिरासत 4 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी थी।

इससे पहले संजय सिंह को कोर्ट ने 10 नवंबर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। 24 नवंबर यानी शुक्रवार को उनकी हिरासत पूरी हो गई थी। उस दिन उन्हें ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था।

मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त होने का आरोप

दिल्ली शराब नीति मामले में आप नेता संजय सिंह को मनी लांड्रिंग के आरोप में ED ने गिरफ्तार किया था। 24 नवंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट से ईडी ने कहा था कि इस मामले में जल्द सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी।

ED के वकील की मांग पर दिल्ली की कोर्ट ने संजय सिंह को जेल में इलेक्ट्रॉनिक केतली देने की इजाजत दी और 4 दिसंबर तक के लिए उनकी हिरासत बढ़ा दी थी। कोर्ट ने पूछा ईडी से पूछा था कि कब तक चार्जशीट दाखिल होगी।

ईडी के वकील ने कहा था कि 1 या 2 दिसंबर 2023 तक चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। संजय सिंह की न्यायिक हिरासत को उसी के अनुसार आगे बढ़ाया जा सकता है। ईडी से अदालत ने कहा था कि 60 दिन पूरे होने वाले हैं।

सदन में CM योगी ने ली अखिलेश पर चुटकी- विपक्ष बस यही कहना भूल गया था कि चंद्रयान भी सैफई में बना था

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विकास कार्यों को सपा सरकार के समय का बताने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर विधानसभा में तंज किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष बस यही कहना भूल गया था कि चंद्रयान का निर्माण भी सैफई में हुआ था। जाति के नाम पर प्रदेश में परिवारवाद की अराजकता पैदा करने वाले इन लोगों के कारनामे किसी से छिपे नहीं है। अटल जी ने कहा था, ‘आदमी ना ऊंचा होता है ना नीचा होता है ना बड़ा होता है ना छोटा होता है। आदमी सिर्फ आदमी होता है। यह समझ जाते तो विपक्ष में न होते।

सीएम ने कहा कि सपा के समय जो प्रदेश में थे, वे भी भागना चाहते थे। आज देश दुनिया का हर उद्यमी यूपी आना चाहता है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। ये जमीन पर उतरेंगे तो 1.10 करोड़ नौकरी मिलेगी। यहां के नौजवानों को कहीं और नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि दुनिया के लोग यहां नौकरी के लिए आएंगे।

विरासत की नहीं, कब्रिस्तान की थी चिंता 

योगी ने कहा कि 2017 के पहले की सरकार को विरासत और मान बिंदुओं के विकास की चिंता नहीं थी। उन्हें कब्रिस्तान की चिंता थी। आज यूपी घरेलू पर्यटन में नंबर एक है। नेता प्रतिपक्ष स्मार्ट सिटी की चर्चा कर रहे थे। इनके समय प्रदेश के शहर गंदगी के पर्याय थे। मेट्रो और आरआरटीएस एक सपना था।

रैपिड रेल के लिए सपा सरकार ने NOC नहीं जारी की। सेफ सिटी इनके लिए एक सपना था। आज यूपी के 18 शहर सेफ सिटी घोषित होने वाले हैं। पहले स्वास्थ्य सेवाओं में अराजकता की स्थिति थी। उस दौरान न दवा थी और न डॉक्टर थे। आज उसे काफी हद तक लाइनअप करने का कार्य हुआ है। सभी रिफॉर्म के परिणाम तेजी से सामने आएंगे। सीएम ने काका हाथरसी, रामधारी सिंह दिनकर की कविताओं के जरिए भी विपक्ष पर कटाक्ष किया।

बरेली: आजम खां के करीबी सपा नेता पर मकान कब्जाने व रंगदारी मांगने का आरोप, रिपोर्ट दर्ज

बरेली। उप्र के बरेली जनपद के बिथरी चैनपुर थाने में सपा नेता आजम खां के करीबी पार्टी के जिला कोषाध्यक्ष गौरव जायसवाल व उसकी पत्नी के खिलाफ मकान कब्जाने और रंगदारी मांगने की रिपोर्ट आईजी के आदेश पर दर्ज की गई है।

इंटरनेशनल सिटी नरियावल निवासी आरजू शर्मा ने सपा नेता को अपना मकान फरवरी 2022 में किराये पर दिया था। आरजू के पति पशु चिकित्सक हैं, जो दूसरे जिले में तैनात थे। उनका तबादला बरेली होने पर उन्होंने गौरव से मकान खाली करने को कहा तो गौरव और उसकी पत्नी ने जातिसूचक शब्द कहे।

उनका आरोप है कि खुद को सपा नेता बताते हुए गौरव ने कहा कि उनका भाई सौरभ आजम खां का प्रतिनिधि है, अगर मकान खाली कराना है तो 20 लाख रुपये दे देना।

पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोप सही साबित होने पर गिरफ्तारी भी हो सकती है। सपा नेता गौरव जायसवाल ने बताया कि इस मामले में जुलाई से सिविल कोर्ट में वाद चल रहा है। दोनों ही पक्ष कोर्ट में हैं और कोर्ट की ओर से दी जाने वाली तारीखों पर भी पहुंच रहे हैं।

युद्धविराम समाप्त होते ही गाजा में इजरायल की भीषण बमबारी शुरू, हमास के प्रस्ताव पर नहीं बनी बात

दोहा। इजराइल-हमास युद्ध में एक बार फिर से बमबारी शुरू हो गई है। आज दोनों के बीच अस्थायी युद्धविराम समाप्त हो गया, जिसकी मध्यस्थता कर रहे कतर का कोई बयान भी सामने नहीं आया है। कतर ने युद्धविराम के विस्तार के बारे में तत्काल कोई सूचना नहीं दी, जिससे नए सिरे से लड़ाई की संभावना बढ़ गई है।

बता दें कि युद्ध विराम शुक्रवार सुबह 7 बजे समाप्त हो गया। युद्ध एक सप्ताह पहले 24 नवंबर को रोका गया था, जो शुरुआत में चार दिनों तक चला और फिर कतर और साथी मध्यस्थ मिस्र की मदद से कई दिनों तक बढ़ा दिया गया।

बंधकों के छूटने के बाद फिर रॉकेट हमले

सप्ताह भर के संघर्ष विराम के दौरान, गाजा में हमास और अन्य आतंकवादियों ने 100 से अधिक बंधकों को रिहा कर दिया, जिनमें से अधिकांश इजरायली थे, बदले में 240 फलस्तीनियों को इजरायल की जेलों से छोड़ा गया। छोड़े गए लोगों में ज्यादातर सभी महिलाएं और बच्चे थे।

युद्धविराम खत्म होने के एक घंटे बाद ही बमबारी शुरू

द टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, आज युद्धविराम के समाप्त होने के एक घंटे बाद ही इजरायल ने गाजा पर रॉकेट दाग दिया। एक सप्ताह में यह पहला हमला है, जो दोनों सेनाओं के बीच सहमत युद्धविराम की समाप्ति के बाद हुआ।

कई आतंकियोंं को मारने का दावा

इजरायली सेना (IDF) ने कहा है कि गाजा के भीतर रॉकेट हमले से कई आतंकियों को मारा गया है। वहीं, गाजा से दागे गए एक रॉकेट को इजरायली सेना ने नष्ट भी कर दिया। हमले से किसी के घायल होने की रिपोर्ट नहीं है।

बता दें कि आईडीएफ ने सात दिनों के युद्धविराम के पूरा होने के बाद पहले ही लड़ाई जारी रखने की बात कही थी। आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने बीते दिन कहा था कि आईडीएफ लड़ाई फिर से शुरू करने के लिए तैयार है। द टाइम्स ऑफ इजरायल ने कहा कि उत्तरी गाजा पट्टी में गोलीबारी और विस्फोटों की आवाजें सुनी जा रही हैं।

सिलक्यारा सुरंग में फंसे हुए उप्र के 15 मजदूर पहुंचे लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी से की मुलाकात

लखनऊ। उत्तराखंड के उत्तकाशी की सिलक्यारा सुरंग में 17 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को मंगलवार को बाहर निकाल लिया गया था। प्राथमिक चिकित्सकीय देखरेख के बाद मजदूरों को उनके घरों में भेजा जा रहा है। यूपी के मजदूरों का एक ऐसा ही समूह शुक्रवार की सुबह 6 बजे लखनऊ पहुंचा। यूपी के अलग-अलग जिलों के 15 मजदूर यहां पहुंचे। इन्हें डालीबाग स्थित अतिथि गृह में ठहराया गया है।

इन सभी ने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात की। मुलाकात करने के बाद इन्हें यूपी के अलग-अलग जिलों में स्थित इनके घरों में भेजने का प्रबंध किया जाएगा। मजदूरों ने कहा कि हमने हिम्मत कभी नहीं हारी। सभी साथी एक दूसरे का हौंसला बढ़ाते रहे। हमें यकीन था कि हम बाहर जरूर आएंगे। यह सभी मजदूर अपने-अपने घर पहुंच कर दीवाली मनाएंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तरकाशी सुरंग हादसे में बचाए गए उत्तर प्रदेश के 8 मजदूरों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की। 12 नवंबर से सिल्कयारा सुरंग हादसे में 41 मजदूर फंसे हुए थे, जिनको 28 नवंबर को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

उप्र: फिरोजाबाद का नया नाम होगा चंद्रनगर, नगर निगम से प्रस्ताव पास; योगी सरकार से भी मिली मंजूरी

फिरोजाबाद। फिरोजाबाद का नया नाम चंद्रनगर होने जा रहा है। गुरुवार को हुई नगर निगम कार्य समिति में नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई। प्रस्ताव को 12 में 11 सदस्यों का समर्थन मिला है। वहीं योगी सरकार से भी जिले का नाम बदलने को लेकर मंजूरी मिलने की खबर आ रही है।

निगम कार्य समिति की बैठक गुरुवार को जीवाराम हॉल में हुई। निर्धारित समय 11 बजे से करीब आधा घंटा देरी से शुरू हुई कार्यसमिति की बैठक में रखे गए 17 में से भवन कर संशोधन संबंधी एक प्रस्ताव खारिज हो गया।

निगम कार्यकारिणी की बैठक में शहर के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा कर प्रस्तावों को पास किया गया। इसमें महत्वपूर्ण बात यह थी कि दो साल पहले जिला पंचायत में फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर के नाम से पास होने के बाद अब नगर निगम में भी फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर करने पर हरी झंडी दे दी गई।

नाम परिवर्तन के विरोध में 12 में से कार्यकारिणी के एक सदस्य सपा के पार्षद रेहान ने विरोध किया। इसके साथ ही भवनों के गृहकर का बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। सभी कार्यकारिणी के सदस्यों ने इसे खारिज कर दिया।

नामांतरण पर लगने वाले शुल्क में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को समिति की मंजूरी मिल गई। कार्य समिति की बैठक में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में बनने वाले टायलेट निर्माण की लागत, शहर की साफ-सफाई, अतिक्रमण संबंधी प्रकरणों पर सदन में बहस भी हुई। जिस पर नगर आयुक्त घनश्याम मीणा एवं उप सभापति श्याम सिंह यादव को हस्तक्षेप करना पड़ा।

वहीं कार्य समिति ने 15वें वित्त आयोग से होने वाले नवनिर्माण कार्यों से जुड़े प्रस्तावों को भी अपनी मंजूरी दे दी। हालांकि उप सभापति व अन्य सदस्यों ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर पैनी नजर रखने एवं गड़बड़ी करने वाले ठेकेदारों पर सख्ती किए जाने की बात कही।

इन मुद्दों पर हुआ मंथन, मिला आश्वासन

-जलकल परिसर में रखीं महापुरुषों की प्रतिमाएं उपयुक्त जगह होंगी स्थापित।

-वार्ड व मोहल्ला में स्थापित निष्प्रोज्य हैंडपंप हटाए जाएंगे।

-शहर में बाजारों, गली और मुख्य सड़कों पर व्याप्त अतिक्रमण के विरुद्ध होगी सख्ती।

-20 लाख रुपये तक की लागत वाले निर्माण कार्य टीएसी जांच से होंगे मुक्त।

-कोटला रोड, जलेसर रोड, गंज बाजार व अन्य जगहों पर आवासीय भवनों में बनीं दुकानों व प्रतिष्ठानों का होगा सर्वे।

-जलकल विभाग में पार्षद कक्ष बनाने व रात्रिकालीन सुरक्षा पिकेट का आश्वासन।

इन गड़बडियों पर तल्ख रहे पार्षदों के तेवर

-चनौरा खत्ताघर से प्रतिदिन लाखों रुपये का कूड़ा चोरी का प्रकरण।

-स्मार्ट रोड निर्माण में मौरंग व बालू की जगह खपाई जा रही डस्ट।

-पार्षदों की सुनवाई नहीं करने वाले अफसरों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग।

-उपसभपति व क्षेत्रीय पार्षद द्वारा कहे जाने के बावजूद सुहागनगर से तहसील सदर तक टाॅयलेट निर्माण नहीं कराए जाने।

-डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन को नामित संस्था के कार्याें की जांच को कमेटी बनाने की मांग।

-स्मार्ट रोड पर सीमेंट के साथ डस्ट इस्तेमाल की भी होगी जांच।